उत्तर नारी डेस्क
बता दें कि जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि इस योजना के लिए नैनीताल जिले के करीब 24 गांवों को चिह्नित किया गया हैं। इन 24 गांवों में से किसी गांव की पौराणिक व रोचक कहानियां हैं, तो कुछ बेहद अच्छी लोकेशंस पर स्थित हैं। जिस वजह से यह योजना फिल्म निर्माण के लिए भी पूर्ण रूप से सही साबित हो सकती है। जिससे लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा। जिसके बाद पहाड़ के घरों में लटकते ताले और साथ ही गांव में दूर दूर तक फैला सन्नाटा देखने को नहीं मिलेगा। वहीं, पर्यटन विभाग ऐसे गांवों को स्थानीय लोगों के साथ ही निवेशकों की मदद से विकसित करेगा।
आपको बताते चलते हैं कि उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग को यह विचार कैसे आया। उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग को यह विचार इटली में इस तरह की पहल को देखकर आया है। यहां, कई साल से खाली हो चुके गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। जहां हर साल दुनियाभर से बड़ी तादाद में पर्यटक घूमने के लिए जाते हैं।
यह भी पढ़ें - कोटद्वार के विवेक तड़ियाल को दीजिए बधाई, नेवी में बने ऑफिसर