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उत्तराखण्ड के खाली हो रहे पहाड़ों को फिर से बसाने के लिए होम स्टे योजना

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड में पलायन सबसे बड़ी समस्या है। प्रदेश के पहाड़ी गांवों से पलायन होने के बाद हजारों गांव वीरान हो चुके हैं और यहां के घर खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं। प्रदेश सरकार पलायन कर चुके लोगों को वापस बुलाने के लिए लगातार कई स्कीम लॉन्च करती रहती है। वहीं, इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने अहमदाबाद की एक फर्म के साथ मिलकर वीरान हुए गांवों को फिर से आबाद करने के लिए होम स्टे योजना की शुरूआत की हैं। नैनीताल जिले में यह योजना शुरू की जा चुकी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटन विकास के साथ ही खाली गांवों को फिल्म निर्माण के लिए इस्तेमाल करने की योजना है।

बता दें कि जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि इस योजना के लिए नैनीताल जिले के करीब 24 गांवों को चिह्नित किया गया हैं। इन 24 गांवों में से किसी गांव की पौराणिक व रोचक कहानियां हैं, तो कुछ बेहद अच्छी लोकेशंस पर स्थित हैं। जिस वजह से यह योजना फिल्म निर्माण के लिए भी पूर्ण रूप से सही साबित हो सकती है। जिससे लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा। जिसके बाद पहाड़ के घरों में लटकते ताले और साथ ही गांव में दूर दूर तक फैला सन्नाटा देखने को नहीं मिलेगा। वहीं, पर्यटन विभाग ऐसे गांवों को स्थानीय लोगों के साथ ही निवेशकों की मदद से विकसित करेगा।

आपको बताते चलते हैं कि उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग को यह विचार कैसे आया। उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग को यह विचार इटली में इस तरह की पहल को देखकर आया है। यहां, कई साल से खाली हो चुके गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। जहां हर साल दुनियाभर से बड़ी तादाद में पर्यटक घूमने के लिए जाते हैं।

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