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कोटद्वार : नगर निगम पर लगा एक लाख रूपये प्रति माह का जुर्माना

उत्तर नारी डेस्क

पौड़ी गढ़वाल जिले के प्रवेशद्वार कोटद्वार में ट्रंचिंग ग्राउंड में कूड़े के पहाड़ खड़े हो रहे थे। वहां से रोजाना निकलने वाले कूड़े-कचरे का निस्तारण एक बड़ी समस्या बना हुआ था। जिसको देखते हुए वर्ष 2019 में वॉल ऑफ काइंडनेस संस्था के संस्थापक मनोज नेगी ने इस संबंध में एनजीटी में वाद दायर किया, जिसके बाद प्राधिकरण ने प्रशासन को 6 माह के भीतर कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। जिसको देखते हुए हल्दुखाता कंटनपुरी में ट्रंचिंग ग्राउंड के निर्माण के लिए शासन की ओर से 31 मार्च को स्वच्छ भारत मिशन के तहत 35 फीसदी केंद्र अंशदान के एवज में 4 करोड़ 80 लाख रुपये की स्वीकृति दे दी गई थी। लेकिन, फिर भी ट्रंचिंग ग्राउंड में कूड़े के पहाड़ खड़े के खड़े ही हैं। जिसके बाद कोटद्वार नगर निगम पर कूड़े के निपटारे में एनजीटी के आदेश का पालन न करने पर 1 अप्रैल 2020 से एक लाख रुपये प्रतिमाह का जुर्माना लगाया गया है। 

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आपको बता दें कि कोटद्वार निवासी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रोहित डंडरियाल ने बताया कि अरविंद बनियाल बनाम उत्तराखण्ड राज्य की याचिका पर सुनवाई की गयी थी। जिसका नतीजा ये रहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ( NGT ) ने 16 अप्रैल 2021 को आदेश पारित किए थे। वहीं, आदेश जारी होने के बाद क्षेत्रीय कार्यालय उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दो सदस्यीय टीम ने 3 जून 2021 को कोटद्वार में ट्रंचिंग ग्राउंड का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने पाया कि डंपिंग यार्ड वैज्ञानिक तरीके से विकसित नहीं किया गया है और साथ ही डंपिंग यार्ड की दीवारें भी क्षतिग्रस्त थी। यही नहीं कचरे के रिसाव को नदी में जाने से रोकने के लिए लीचेड प्रूफ टैंक का निर्माण भी नहीं कराया गया था। जिसके बाद नगर आयुक्त को 2 अगस्त 2021 को एक पत्र भेजा गया, जिसमें 1 लाख रुपये प्रतिमाह पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जमा करने का नोटिस जारी किया है।

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