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उत्तराखण्ड में गेंडे, क्या आपने भी देखे हैं कभी गेंडे

उत्तर नारी डेस्क


उत्तराखण्ड राज्य में अब जल्द ही एक बार फिर से गैंडों का संसार बसने जा रहा है। जिसके लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और केंद्रीय चिड़ि‍याघर प्राधिकरण (सीजेडए) को अनुमति पत्र भेजा हैं। अब सबकी निगाहें केंद्र सरकार पर टिकी हैं। वहीं, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने बताया कि गैंडों को प्रदेश लाने के संबंध में असोम और बंगाल के वन विभाग के आला अधिकारियों से बातचीत हो चुकी है। बस अब केंद्र सरकार से अनुमति मिलने का इंतज़ार है। केंद्र से हरी झंडी मिलते ही असोम व बंगाल से गैंडे उत्तराखण्ड लाए जाएंगे। 


बता दें कि कभी एक दौर था, जब उत्तराखण्ड में कार्बेट टाइगर रिजर्व में गैंडों की बसागत थी, लेकिन बाद में ये धीरे धीरे विभिन्न कारणों के चलते विलुप्त हो गए। वन विभाग के अभिलेखों में बाकायदा इसका उल्लेख भी है। वहीं, भारतीय वन्यजीव संस्थान ने एक बार फिर से कार्बेट में गैंडों को बसाने के लिए अध्ययन शुरू किया। जिसमें ये बात सामने आई कि गैंडों को बसाने के लिए अब परिस्थितियां अनुकूल हैं। कार्बेट नमभूमि क्षेत्र के संरक्षण को उठाए गए कदमों से यह स्थिति बनी है। वासस्थल भी ज्यादा बेहतर हुआ है। जिसके बाद संस्थान ने गैंडों को यहां दोबारा बसाने के लिए वन विभाग को यह प्रस्ताव भेजा, जिस पर राज्य वन्यजीव बोर्ड ने अपनी अनुमति दी। जिसके बाद यह प्रस्ताव राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को अनुमोदन के लिए भेजा गया। तो बोर्ड ने राज्य को इस संबंध में एनटीसीए व सीजेडए से अनुमति लेने को कहा।

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