सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और उत्तराखण्ड क्रांति दल डेमोक्रेटिक पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता रोहित डंडरियाल ने बीती 9 नवंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लोकपर्व इगास की सार्वजनिक अवकाश के लिए एक ज्ञापन प्रेषित किया था। जिसको संज्ञान में लेते हुए प्रदेश सरकार ने लोकपर्व इगास पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। जिससे प्रदेशवासियों में खुशी की लहर है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और उत्तराखण्ड क्रांति दल डेमोक्रेटिक पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता रोहित डंडरियाल ने उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति के प्रतीक और गढ़वाली दीपावली ईगास पर प्रदेश सरकार से सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने की मांग उठाई है। जिसके लिए रोहित डंडरियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र भी लिखा। पारंपरिक लोक त्योहारों में से एक इगास पर्व को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की थी। जिसमें उन्होंने बताया कि इगास पर्व प्रदेश के पारंपरिक लोक त्यौहारों में से एक है, लेकिन प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश नहीं है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें ट्वीट कर जानकारी दी कि उत्तराखण्ड के समृद्ध लोक संस्कृति के प्रतीक लोकपर्व इगास पर अवकाश रहेगा। उन्होंने गढ़वाली में ट्वीट कर लिखा कि, उत्तराखण्ड की समृद्ध लोकसंस्कृति कु प्रतीक लोकपर्व ‘इगास’ पर अब छुट्टी रालि। हमारू उद्देश्य च कि हम सब्बि ये त्यौहार तै बड़ा धूमधाम सै मनौ, अर हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ’। पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता रोहित डंडरियाल ने मुख्यमंत्री धामी का धन्यवाद व्यक्त किया।
बताते चलें पहाड़ मे दीपावली को आम भाषा मे बग्वाल कहा जाता है, जबकि बग्वाल के 11 दिन बाद एक और दीपावली मनाई जाती है, जिसे इगास कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीराम के वनवास से अयोध्या लौटने पर लोगों ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीये जलाकर उनका स्वागत किया था और इस दिन को दीपावली के त्योहार के रूप में मनाया था। लेकिन, गढ़वाल क्षेत्र में राम के लौटने की सूचना दीपावली के ग्यारह दिन बाद यानी कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली। इसीलिए ग्रामीणों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए ग्यारह दिन बाद दीपावली का त्योहार एकादशी को उत्सव के रूप में मनाया।