उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्थाओं की बदहाली से हर कोई परिचित है। वहीं अब खबर लंढौरा से आ रही है। जहां बीते शुक्रवार रात लंढौरा स्थित एक निजी नर्सिंग होम में अस्पताल में प्रसव के दौरान एक गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई है। जिसके बाद से परिजनों में कोहराम मचा है।
आपको बता दें लंढौरा स्थित एक निजी नर्सिंगहोम में बीते शुक्रवार रात को मोहल्ला बाहर किला निवासी अफजाल की पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। इस पर अफजाल अपनी पत्नी को प्रसव के लिए कस्बा स्थित एक निजी नर्सिंग होम में ले गया। स्वजन का कहना है कि एक बच्चे की सामान्य डिलीवरी होने के बाद चिकित्सक ने बताया कि दूसरे बच्चे के लिए आपरेशन होगा। इसलिए वह महिला को किसी अन्य अस्पताल में ले जाएं। इस पर वह महिला को रुड़की लाए। यहां एक अस्पताल में महिला का आपरेशन हुआ। बच्चा मरा हुआ था। नवजात का एक हाथ भी नहीं था। चिकित्सक ने उन्हें बताया कि बच्चे का हाथ शरीर से अलग हुआ है। सामान्य डिलीवरी कराने के लिए बच्चे को खींचा गया है। इसी के चलते ऐसा हुआ है। यह बात सुनकर स्वजन वापस लंढौरा स्थित उसी नर्सिंग होम पर पहुंचे।
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जहां उन्होंने महिला चिकित्सक पर लापरवाही से प्रसव कराने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। जिसके बाद महिला चिकित्सक ने नवजात का हाथ स्वजन को दे दिया है। वहीं अफजाल का आरोप था कि डिलीवरी के दौरान महिला चिकित्सक ने लापरवाही बरती है। इसी के चलते उसके बच्चे की मौत हुई है। बच्चे का हाथ शरीर से अलग हुआ है। महिला के पति ने मामले की तहरीर पुलिस को दी है। फ़िलहाल पुलिस ने शिशु के शव का पोस्टमार्टम करा रही है। महिला के पेट में दो बच्चे थे। प्रसव के दौरान एक नवजात का जन्म सामान्य तरीके से हो गया है। लंढौरा चौकी प्रभारी उमेश कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।
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