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उत्तराखण्ड : देवभूमि की बेटी शीतल को एवरेस्ट फतह करने पर राष्ट्रपति ने दिया अवार्ड

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड की बेटियां आज हर क्षेत्र में आगे हैं। अपने हुनर के बलबूते वह हर मुकाम को हासिल कर लेती हैं। इसी क्रम में राज्य को गौरवान्वित करने वाली  खबर सामने आ रही है। जहां उत्तराखण्ड की बेटी शीतल राज को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा प्रदान किया गया है।

बता दें शीतल माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र की पर्वतारोही है। कुमाऊं मंडल विकास निगम के साहसिक पर्यटन अनुभाग में कार्यरत शीतल वर्ष 2018 में कंचनजंगा एवं 2019 में माउंट एवरेस्ट के साथ ही अब तक सतोपंत, त्रिशूल समेत अनेक ऊंची चोटियों पर फतह कर चुकी हैं। इतना ही नहीं उन्होंने 15 अगस्त 2021 को यूरोप की सबसे ऊंची माउंट एल्बु्रस चोटी पर भी भारतीय झंडा फहराया है। साथ ही शीतल को इससे पूर्व राज्य सरकार द्वारा तीलू रौतेली पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।

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बताते चलें शीतल राज मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के सल्मोडा़ गांव की निवासी है और वर्तमान में वह कुमाऊं मंडल विकास निगम के साहसिक पर्यटन अनुभाग में कार्यरत हैं। शीतल एक बेहद गरीब परिवार से हैं। उनके पिता उमाशंकर राज टैक्सी चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। जबकि उनकी मां एक कुशल गृहणी हैं। शीतल ने समाजशास्त्र से ग्रैजुएट किया है। शीतल ने पर्वतारोही के रूप में अपनी पारी तब शुरू की थी जब वह 21 मई को 22 वर्ष की उम्र में 8586 मीटर ऊंची कंचनजंघा की चोटी पर पहुंची थीं और आज शीतल राज को भारत के सबसे बड़े साहसिक सम्मान तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया है।

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