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उत्तराखण्ड : टिहरी बांध देश को देगा एक हजार मेगावाट बिजली

उत्तर नारी डेस्क

उत्तराखण्ड का टिहरी बांध अब देश को जल्द ही एक हजार मेगावाट बिजली प्रदान करने वाला है। जिससे देश की ऊर्जा जरूरतें तो पूरी होंगी ही। साथ ही बिजली उत्पादन से मिलने वाले राजस्व का दो फीसदी धनराशि सीएसआर मद से बांध प्रभावित क्षेत्र के विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा। आपको बता दें टिहरी बांध परियोजना दिसंबर 2022 तक अपनी क्षमता के अनुरूप बिजली उत्पादन शुरू कर देगी। जहां टीएचडीसी द्वितीय चरण का एक हजार मेगावाट का पंप स्टोरेज प्लांट का निर्माण अंतिम दौर में है। यह पंप स्टोरेज परियोजना देश की पहली परियोजना होगी, जिससे 1000 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। टीएचडीसी को 2016 में पीएसपी का निर्माण करना था, लेकिन विभिन्न तकनीकी और स्थानीय दिक्कतों के कारण पीएसपी पूरी नहीं हो पाई। हालंकि अब जल्द ही टीएचडीसी दिसंबर 2022 तक निर्माण कार्य पूरा कर बिजली उत्पादन शुरू कर देगी।

टिहरी बांध परियोजना 2400 मेगावाट की है, जिसमें से एक हजार मेगावाट मुख्य बांध और 400 मेगावाट कोटेश्वर बांध से बिजली उत्पादन हो रहा है। जबकि एक हजार मेगावाट की पीएसपी परियोजना का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था। पीएसपी का सिविल कार्य एचसीसी, हाइड्रो, इलेक्ट्रो मैकेनिकल कार्य जीई हाइड्रो फ्रांस एवं जीई पावर इंडिया कंपनी कर रही है।

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वर्तमान में सिविल, हाइड्रो मैकेनिकल के 90 फीसदी कार्य पूरे कर दिए गए हैं जबकि इलेक्ट्रो मैकेनिकल का 85 फीसदी कार्य हो चुका है। परियोजना के निर्माण पर 22 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस प्लांट के जरिए कोटेश्वर रिजर्व जलाशय से पानी को रिवर्स टिहरी डैम लाया जाएगा और 250 मेगावाट की चार टरबाइनों को चलाया जाएगा। बिजली की मांग बढ़ने पर पीएसपी से उत्पादन भी शुरू किया जाएगा। 

बताते चलें भूमिगत इस परियोजना का निर्माण करीब 9 हजार मीटर लंबी सुरंगें पहाड़ के अंदर बनाकर किया जा रहा है। यह देश की पहली परियोजना होगी जो कि 1000 मेगावाट बिजली उत्पादन करेगी। इस परियोजना के बन जाने से जहां एक ओर देश की ऊर्जा जरूरतें पूरी होगी, वहीं टीएचडीसी से लेकर स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा। 

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