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कोटद्वार : सालों की मेहनत के बाद मिला ट्रेंचिंग ग्राउंड

 उत्तर नारी डेस्क



आखिरकार 3 सालों की मेहनत के बाद कोटद्वार वासियों को कूड़ा निस्तारण की समस्या से निजात मिल ही गया है। भारत सरकार ने कोटद्वार नगर निगम को ट्रेंचिंग ग्राउंड निर्माण के लिए 0.998 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति दे दी है। अब उम्मीद है कि जल्द ही इस भूमि पर शहरभर के कूड़े के निस्तारण के लिए ट्रेंचिंग ग्राउंड का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। वहीं, जारी शासनादेश में कहा गया है कि पूर्व में कोटद्वार क्षेत्र में ट्रेंचिंग ग्राउंड निर्माण के लिए वन भूमि के हस्तांतरण की मांग की गई थी, जिस पर विचार करने के बाद कोटद्वार नगर निगम को 0.998 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित करने की स्वीकृति दी जाती है। वहीं, रोहित डंडरियाल ने कहा कि यह कोटद्वार की जनता के सहयोग से ही हो पाया है और उन्होंने जनता का धन्यवाद किया।

आपको बता दें कि कोटद्वार में ट्रंचिंग ग्राउंड में कूड़े के पहाड़ खड़े हो रहे थे। वहां से रोजाना निकलने वाले कूड़े-कचरे का निस्तारण एक बड़ी समस्या बना हुआ था। जिसको देखते हुए वर्ष 2019 में वॉल ऑफ काइंडनेस संस्था के संस्थापक मनोज नेगी ने इस संबंध में एनजीटी में वाद दायर किया, जिसके बाद प्राधिकरण ने प्रशासन को 6 माह के भीतर कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। जिसको देखते हुए हल्दुखाता कंटनपुरी में ट्रंचिंग ग्राउंड के निर्माण के लिए शासन की ओर से 31 मार्च को स्वच्छ भारत मिशन के तहत 35 फीसदी केंद्र अंशदान के एवज में 4 करोड़ 80 लाख रुपये की स्वीकृति दे दी गई थी। लेकिन, फिर भी ट्रंचिंग ग्राउंड में कूड़े के पहाड़ खड़े के खड़े ही हैं। जिसके बाद कोटद्वार नगर निगम पर कूड़े के निपटारे में एनजीटी के आदेश का पालन न करने पर 1 अप्रैल 2020 से एक लाख रुपये प्रतिमाह का जुर्माना लगाया गया है।

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