उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक है। जिसको लेकर सभी पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी है। तो वहीं, आज सुबह से हीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से उत्तराखण्ड कांग्रेस के ख़िलाफ़ ही मोर्चा खोल डाला है और अपनी नाराज़गी जमकर ज़ाहिर की है।
जहां उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि -
#चुनावरूपीसमुद्र है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, #सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है! फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूंँ, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
#uttarakhand
#जयबाबाकेदारनाथ
Indian National Congress Uttarakhand
वहीं सोशल मीडिया में इस पोस्ट के तुरन्त बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून स्थित आवास पर उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाक़ात की। जिसकी फोटो उन्होंने सोशल मीडिया में साझा की है। जिस के बाद से अब उत्तराखण्ड की राजनीति में हलचल मची है।
इन हालातों के बाद अब हरदा पर सबकी नज़र है कि उत्तराखण्ड की राजनीति में क्या कुछ नया होने वाला है। वहीं उत्तराखण्ड की राजनीति में चर्चाओं का दौर भी शुरू हों गया है कि अब आगे आने वाले दिनों में हरदा क्या कुछ नया कदम उठाने वाले हैं।