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मृतक को ही लगा डाली कोरोना वैक्सीन, पढ़ें पूरा मामला

उत्तर नारी डेस्क 

वैक्सीनेशन अभियान में हरिद्वार जिला प्रदेश में अच्छा मुकाम हासिल करे इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कसर नही छोड़ी जा रही है। स्थिति यह है कि अब फर्जी आंकड़े भी सामने आने लगे हैं। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग का एक कारनामा सामने आया है जिसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने मरे हुए व्यक्ति को ही कोरोना का दूसरा टीका लगाने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। जिसके बाद स्वास्थ विभाग में अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया है। बताया रहा है कि 26 अप्रैल 2021 75 वर्षीय बुजुर्ग सतीश कुमार गुप्ता की मौत हो गई थी परंतु स्वास्थ्य विभाग ने मरने के एक माह बाद पहले व 9 माह बाद दूसरी डोज का सर्टिफिकेट जारी कर दिया। लेकिन हैरानी की बात है कि मृतक के फोन का इस्तेमाल परिवार के लोग कर रहे हैं, लेकिन उनके फोन पर पहली डोज लगने का कोई मेसेज ही नहीं आया और सीधे विभाग द्वारा दोनों डोज का सर्टिफिकेट ही जारी किया गया। जिसमें दोनों डोज लगने की पूरी जानकारी दी गई है। 

बता दें ये मामला उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले का है। जहां गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से, 9 माह पूर्व स्वर्गवासी हो चुके 76 वर्षीय सतीश कुमार गुप्ता के मोबाइल पर टेक्स मैसेज आया जिसमें उन्हें वैक्सीन का दूसरा डोज लगने की जानकारी थी और विभाग द्वारा बाकायदा कोरोना की दोनों डोज लगने का सर्टिफिकेट भी जारी किया गया है। सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि सतीश की मौत 26 अप्रैल 2021 को हुई थी और उनको मौत के 1 महीने बाद यानी 16 मई 2021 को टीका लगाना सर्टिफिकेट में बताया गया था। सतीश की मौत सामान्य हालात में हुई थी और मौत से पहले उन्होंने कोरोना का कोई टीका भी नहीं लगाया था जो उनका डेटा विभाग के पास होता। वहीं, मृतक के बेटे अमित गुप्ता ने बताया कि पहली वैक्सीन लगने का उनके फोन पर कोई मेसेज नहीं आया। लेकिन दूसरी डोज़ लगने का मेसेज और सर्टिफिकेट जारी होने के बाद पूरा परिवार हैरान है। 

बता दें कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कुमार खगेंद्र का कहना है कि कभी-कभी एक मोबाइल से चार लोगों को लिंक किया जाता है। परिवार के अन्य लोगों के साथ हो सकता है मृतक का डाटा भी लिंक हो गया हो। जिस कारण उन्हें सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया हो। हम इस बात की जांच कराएंगे कि क्या वास्तव में यह तकनीकी भूल है या फिर इसमें कोई गड़बड़ी है। यदि इसमें किसी भी तरह की कोई लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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