उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य सुविधाएं लचर है। पहाड़ में आज की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति किसी से छिपी नहीं। पहाड़ों में न ही पर्याप्त चिकित्सक हैं, न स्टाफ। वहीं, चिकित्सा उपकरणों की स्थिति से भी सब वाकिफ है। आए दिन पहाड़ों से दुखद खबरें आती रहती हैं। वहीं अब ताजा मामला चमोली जिले के घाट ब्लॉक की ग्राम पंचायत कनोल के प्राणमती गांव से आ रहा है। जहां सड़क सुविधा न होने के चलते बीते रविवार को ग्रामीणों ने डंडी-कंडी के सहारे गर्भवती महिला को 8 किलोमीटर कंधों में ढोकर चिकित्सालय पहुंचाया है। जहां पैदल रास्ता लम्बा होने की वजह से प्रसूता ने रास्ते में ही बच्ची को जन्म दे दिया है। किसी तरह ग्रामीणों ने बीच रास्ते में ही महिला का प्रसव कराया। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों ठीक हैं। परन्तु ग्रामीणों ने गांव में सड़क निर्माण न होने पर नाराजगी व्यक्त की है।
इस संबंध में ग्रामीण माधोराम ने बताया कि रविवार सुबह ग्रामीण राजेंद्र कुमार की पत्नी करिश्मा को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, लेकिन गांव में कोई स्वास्थ्य सुविधा न होने के चलते ग्रामीणों ने कुर्सी के सहारे डोली तैयार कर प्रसूता को कंधों पर लादकर 8 किलोमीटर दूर सितेल सड़क मार्ग के लिए निकले। जहां से वाहन के जरिये महिला को सीएचसी घाट ले जाना था, लेकिन महिला ने पैदल रास्ते मे ही एक बच्ची को जन्म दे दिया।
वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि 2018 में मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी सड़क निर्माण न होने से बीमार ग्रामीणों को कंधों में ढोना हमारी नियति बन गई है। वहीं गांव सड़क मार्ग से नहीं जुड़ा होने के कारण लोगों को मीलों का सफर तय करना पड़ता है।