उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव अब नजदीक ही है। ऐसे में एक ओर जहां टिकट को लेकर कई बड़े नेताओं की नारजगी की खबरें सामने आ रही है तो वहीं इस बीच सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर की है। इस संबंध में उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा है। उन्होंने लिखा है कि कृपया उत्तराखण्ड चुनाव नहीं लड़ने के मेरे अनुरोध को स्वीकार करें ताकि मैं पार्टी का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित कर सकूं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा कि मुझे देवभूमि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर मिला।यह मेरा परम सौभाग्य था। मैंने भी कोशिश की कि पवित्रता के साथ राज्यवासियों की समभाव सेवा करूं। पत्र में आगे उन्होंने पीएम मोदी, उत्तराखण्ड के लोगों और डोईवाला के लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने आगे लिखा, मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है और युवा नेतृत्व पुष्कर सिंह धामी के रूप में मिला है। बदली राजनीतिक परिस्थितियों में मुझे विधानसभा चुनाव 2022 नहीं लड़ना चाहिए।मैं अपनी भावनाओं से पूर्व में ही अवगत करा चुका हूं, मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं। राष्ट्रीय सचिव, झारखंड प्रभारी, उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2014 में सह प्रभारी की जिम्मेदारी मैंने निभाई। महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश चुनाव अभियानों में काम किया है।
वो आगे लिखते हैं कि अब उत्तराखण्ड राज्य में चुनाव है। श्री धामी के नेतृत्व में पुन: सरकार बने उसके लिए पूरा समय लगाना चाहता हूं। अत: आप से पुन: अनुरोध है कि मेरे चुनाव न लड़ने के अनुरोध को स्वीकार करें ताकि मैं अपने संपूर्ण प्रयास सरकार बनाने के लिए लगा सकूं।
बता दें कि, त्रिवेंद्र सिंह रावत का जन्म 20 दिसंबर 1960 को पौड़ी जिले की खैरासैंड़ गांव में हुआ था। त्रिवेंद्र रावत 1979 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और 1985 में वह देहरादून महानगर के प्रचारक बने। इसके बाद 1993 में त्रिवेन्द्र रावत बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री बनाए गए। 1997 में वह बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री बने। वहीं 2002 में फिर वह भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बने।