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उत्तराखण्ड : प्रसव पीड़ा में घंटों एम्बुलेंस का इंतजार करती रही महिला, फिर सड़क पर जन्मा शिशु

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड सरकार गांव में लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा चला रही है। ताकि आपात काल में लोगों को समय से अस्पताल पहुंचा सके, लेकिन धरातल पर हकीकत गुरुवार को कुछ और ही दिखी। नैनीताल में एक गर्भवती महिला ने कड़ाके की सर्दी के बीच गुरुवार की सुबह एंबुलेंस के इंतजार में बीच सड़क में ही बच्चे को जन्म दे दिया। 

आपको बता दें जिला नैनीताल के मल्ला भूमियाधार निवासी मनोज आर्य की पत्नी निर्मला आर्य को गुरुवार की सुबह 9 बजे प्रसव पीड़ा होने लगी। इस पर परिजनों ने 108 एंबुलेंस को कॉल की थी। पर 10 बजे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। जो स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही है। वहीं, 2 घंटे इंतजार के बाद भी जब जीवनदायिनी कही जाने वाली 108 एंबुलेंस नहीं आई तो परिजन प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती महिला को खुद ही अस्पताल पहुंचाने लगे। लेकिन प्रसूता ने इसी बीच सड़क में ही नवजात को जन्म दे दिया। यह हाल तब है जब जिले में 108 की 23 एंबुलेंस का संचालन होता है।

आशा कार्यकत्री हंसी टम्टा ने बताया कि प्रसूता के फोन आते ही वह उनके घर गई। फिर 108 को फोन किया लेकिन 1 घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। 108 वाले स्थानीय एंबुलेंस का टायर पंक्चर होने का हवाला देते रहे। सामाजिक कार्यकर्ता पंकज बिष्ट ने बताया कि वह अपने निजी काम से बाजार आ रहे थे। उन्होंने देखा कि सड़क में कुछ महिलाएं खड़ी हैं। पास जाने पर पता चला कि एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया है। पूछने पर उन्होंने बताया कि वह 108 एंबुलेंस का इंतजार कर रहे थे। फिर वह महिला व बच्चे को सीएचसी भवाली लाए। उन्होंने बताया कि 9 से 11 बजे तक एंबुलेंस नहीं आई। भवाली स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर अरीता सक्सेना ने बताया कि महिला ने सात माह में बच्चे को जन्म दिया है। फिलहाल उपचार के बाद मां-बच्चे को एसटीएच हल्द्वानी रेफर कर दिया है।

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