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हिजाब विवाद के बीच CM धामी का बड़ा बयान- सत्ता में आते ही लागू करेंगे यूनिफॉर्म सिविल कोड

उत्तर नारी डेस्क  

उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव के लिए कुछ वक्त ही शेष बचा है। तो वहीं पूरे देश में कर्नाटक से उठा हिजाब विवाद अब उत्तराखण्ड और यूपी के चुनाव में भी एंट्री कर चुका है। इस बीच अब उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बयान दिया है। जहां उन्होंने कहा है कि राज्य में भाजपा की नई सरकार आने पर शपथ ग्रहण के तुरंत बाद सरकार यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) के लिए मसौदा तैयार करने को समिति बनाएगी, जिससे राज्य में जल्द से जल्द सिविल यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया जा सके।

साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत की रक्षा के लिए भाजपा सरकार अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक कमेटी गठित कर ‘यूनिफार्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करेगी। इससे सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों।

इसके साथ ही यूनिफार्म सिविल कोड सामाजिक सद्भाव को बढ़ाने के साथ ही लैंगिक न्याय को भी बढ़ावा देगा। महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने के साथ ही ये राज्य की असाधारण सांस्कृतिक-आध्यात्मिक पहचान और पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करेगा।

अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चुनाव से दो दिन पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने वाला बयान को देना एक मास्टर स्ट्रोक भी साबित हो सकता है। क्यूंकि यह बयान की टाइमिंग भी तब की है जब उत्तराखण्ड में आज शाम पांच बजे चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा। यानी आज दिन भर अब इस पर चर्चा होनी ही होनी है। 

वहीं सीएम धामी के बयान पर भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने अपने ने प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री के बयान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे समाज में एकरूपता आएगी। सीएम धामी  उत्तराखण्ड की बेहतरी के लिए कई निर्णायक फैसले ले रहे हैं। 

क्या होता है यूनिफॉर्म सिविल कोड?

समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना। चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायजाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होता है। यूनियन सिविल कोड का अर्थ एक निष्पक्ष कानून है, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है। 

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