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उत्तराखण्ड के बुग्यालों पर धधक रही आग, संकट में वन्यजीव

उत्तर नारी डेस्क

उत्तराखण्ड में मौसम लगातार करवट बदल रहा है। अचानक हो रहे मौसम परिवर्तन के कारण सर्दी जुखाम और सर दर्द के मरीजों में इजाफा हो रहा है। तो वहीं अब इस बदलते मौसम ने बुग्यालों में भी आग की घटनाएं सक्रिय कर दी हैं।

आपको बता दें बीते शुक्रवार को धुआं उठने का पहला मामला पंचाचूली की तलहटी में स्थित बुग्याल से आया है। जिसकी जानकारी मिलते ही मुनस्यारी से वन विभाग की टीम मौके को रवाना हो चुकी है। वहीं इस संबंध में वनक्षेत्राधिकारी लवराज पांगती ने बताया कि वन कर्मियों की टीम मौके को रवाना हो चुकी है। कर्मी बुग्याल में पहुंच कर आग बुझाएंगे और आग लगाने वालों का भी पता लगाएंगे। उन्होंने कहा कि आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

बताते चलें दिसंबर से ही बुग्यालों में आग लगने की घटनाएं घटती हैं। यह क्षेत्र जन शून्य है। अब बुग्यालों में आग लगते ही वन्यजीवों के शिकारियों का सक्रिय होना माना जा रहा है। क्यूंकि यहां तक केवल शिकारी पहुंचते हैं। इसका दृष्टांत शुक्रवार को पंचाचूली की तलहटी के बुग्याल से उठते धुएं के रूप में आया है। इन बुग्यालों में इस कस्तूरा मृग सहित अन्य जानवर अपना ठिकाना बनाते हैं। प्रतिवर्ष अवैध शिकारी पहले से ही इसके लिए तैयार रहते हैं। शिकारी बुग्यालों के चारों तरफ आग लगा कर नीचे को आ जाते हैं। धीरे-धीरे आग बुग्यालों को अपनी चपेट में ले लेती है। जान बचाने के लिए जब जानवर भागते हैं तो आग की चपेट में आने से उनकी मौत हो जाती है। जिसमें कस्तूरा मृग भी शामिल होते हैं। शिकारी बाद में यहां जाकर मृत जानवरों को ले आते हैं। तो वहीं उच्च मध्य हिमालयी होने से यहां तक पहुंचने में विभाग के कर्मचारियों को भी दो दिन का समय लग जाता है। 

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