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यूक्रेन से 53 छात्र पहुंचे उत्तराखण्ड, परिजनों ने ली राहत की सांस

उत्तर नारी डेस्क 

रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। जिसके बाद वहां के हालात दिन-ब-दिन लगातार बिगड़ते जा रहे है। लोग घरों, सबवे, खंदकों और मेट्रो स्टेशनों में छिपे रहने को मजबूर हैं। कीव समेत यूक्रेन के कई शहरों में चारों तरफ तबाही का मंजर देखा गया। जिसके चलते वहां रह रहे भारतीयों को वापस स्‍वदेश लाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। इस बीच कीव में उत्तराखण्ड के छात्र भी फंसे हुए हैं। जिनको वतन वापसी लाने की कोशिशे लगातार जारी है। इसी क्रम में उत्तराखण्ड के अब तक 53  छात्र घर लौट चुके हैं। जबकि सरकार को 282 छात्रों व अन्य लोगों की सूचना प्राप्त हो चुकी है।

शासन की ओर से जारी सूचना के मुताबिक देहरादून की ईशा रावत, हरिद्वार के मोहम्मद अनास, नैनीताल के शैली त्रिपाठी व पिथौरागढ़ की तनुश्री पांडेय मंगलवार देर रात नई दिल्ली पहुंची। बुधवार की सुबह नौ छात्र पहुंचे हैं। इनमें हरिद्वार की कंचन, मानसी, टिहरी से स्नेहा पांडेय, शौर्य, मोहम्मद आबिद और चंपावत से ओसीन, ऊधमसिंह नगर के शावेद अली व ऋतिक राजपूत पहुंचे हैं। इनके अलावा बुधवार को देहरादून जिले की सारा अली, शोएब अली, नमिता धीमान, हरिद्वार से कंचन, स्नेहा पांडे, मोहम्मद आबिद, टिहरी से शौर्य, चंपावत से ओसिन, हरिद्वार से मानसी व कृष्णा यादव, ऊधमसिंह नगर से शावेद अली व ऋतिक राजपूत उत्तराखण्ड पहुंच गए हैं। अपने घर पहुंच कर जहां बच्चों ने चैन की सांस ली वहीं अपने बच्चों को देखकर माता-पिता परिवार व परिजनों के चेहरे खुशी से खिल उठे। लेकिन, जो छात्र अभी तक नहीं लौटे हैं, उनके परिजनों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।

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