उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी ख़बर सामने आयी है। जहां एक अप्रैल से प्रारंभ होने वाले नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत से ही अब विद्यार्थियों को मुफ्त पुस्तकें उपलब्ध होंगी। यह नया शैक्षिक सत्र 2022-23 एक माह बाद प्रारंभ होना है। जिसके लिए कक्षा एक से 12वीं के करीब आठ लाख छात्र-छात्राओं को सत्र की शुरुआत से ही निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध होनी शुरू हो जाएंगी।
बता दें पहले कक्षा एक से आठवीं तक सभी छात्र-छात्राओं और नौवीं से 12वीं तक सभी छात्राओं के साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों को ही मुफ्त पाठ्यपुस्तकें दी जाती हैं। अब यह भी तय किया गया है कि सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौ से 12वीं तक अध्ययनरत सामान्य व पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को भी निशुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जाएंगी। जानकारी अनुसार पिछले चार शैक्षिक सत्रों में प्रदेश के छात्र-छात्राओं को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई गईं थीं। पुस्तकें देने के स्थान पर छात्र-छात्राओं के खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से पुस्तकों की धनराशि जारी की गई थी। कोरोना महामारी के दौर में स्कूल बंदी में भी पिछले दो वर्षों में भी विद्यार्थियों को बगैर पुस्तकों के रहना पड़ा था। इस दौरान ये शिकायतें भी सामने आईं कि खातों में पहुंची धनराशि का उपयोग पुस्तकों की खरीद में नहीं किया गया। इसके बाद शासन ने पाठ्यपुस्तकों की खरीद सुनिश्चित कराने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही तय की थी। जहां शासन के सख्त रुख के बाद शिक्षा विभाग ने इस बार पुस्तकों की छपाई पर विशेष ध्यान दिया है। छपाई के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद चयनित फर्म को सभी निर्धारित शर्तें व गुणवत्ता संबंधी मानक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
शासन ने यह व्यवस्था की है कि गुणवत्ता में कमी दिखने पर परीक्षण कर एक वर्ष के पहले ही निविदा निरस्त की जाएगी। साथ ही निशुल्क पुस्तकें समय पर उपलब्ध कराने के लिए जिलों से लेकर खंड स्तर तक शिक्षाधिकारी समयसारिणी बनाकर कार्य करेंगे। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार निशुल्क पाठ्यपुस्तकें समय पर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
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