उत्तर नारी डेस्क
बता दें, पथरी थाने में पुलिस को तहरीर देते हुए 8 मार्च 2018 को ग्राम जियापोता के रहने वाले पवन ने बताया कि 26 फरवरी को उसका भाई प्रमोद अपने खेत में मृत पाया गया। दरअसल मृतक की बेटी का नौकर रामकिशोर के साथ लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जो प्रमोद को नागुजार था और इसलिए वह वंदना की शादी कहीं और करवाना चाहते थे। इसके बाद रामकिशोर ने प्रमोद कुमार की बेटी के साथ मिलकर देर रात को उसकी हत्या कर दी और उसके शव को खेत में फेंक दिया। जब अगले दिन प्रमोद कुमार के परिजन खेत में पहुंचे तो हादसे का पता लग सका। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उनको घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर आई चोटों की वजह से मौत की पुष्टि हुई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल की तो पता चला कि मृतक प्रमोद कुमार की पुत्री वंदना और आरोपित रामकिशोर के बीच प्रेम संबंध थे। दोनों शादी करना चाहते थे मगर प्रमोद को यह रिश्ता नागुजार था और जिस वजह से वह अपनी बेटी की शादी कहीं और करवाना चाहता था। इसी बात को लेकर बेटी और प्रेमी ने उसे रास्ते से हटाना चाहा। तभी बेटी और प्रेमी ने मिलकर पिता की हत्या करने की योजना बना डाली और मौका देख प्रेमी रामकिशोर ने प्रमोद की हत्या कर दी। अब जाकर दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों के आधार पर तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने वंदना व रामकिशोर को आपस में षड्यंत्र रच प्रमोद कुमार की हत्या करने का दोषी पाया गया है जिसके बाद दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई है।
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