उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहली कैबिनेट बैठक गुरुवार शाम को सम्पन्न हुई। जहां पहली कैबिनेट बैठक में राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की पहली कैबिनेट के मौके पर भाजपा संगठन ने सरकार को दृष्टि पत्र सौंपा। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमने जो संकल्प प्रदेश की देवतुल्य जनता के समक्ष रखे थे, उन पर जनता ने सहमति देते हुए अपना आशीर्वाद दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि जनता ने भाजपा की नीति और दृष्टि पत्र पर भरोसा किया है। सरकार उस पर पूरी तरह से खरी उतरेगी। उन्होंने कहा कि युवा मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में पूरी कैबिनेट राज्य को तरक्की की दिशा में ले जाते हुए अधिक ऊर्जा से काम करेगी।
सीएम धामी ने कहा कि हमने चुनाव से पहले कहा था कि यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे। हमारा राज्य दो-दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से भी लगा है। ऐसे में जरूरी है कि उत्तराखण्ड में ऐसा कानून हो जो सभी के लिए समान हो। समाज, विधि विशेषज्ञ को मिलाकर हम एक समिति बनाएंगे। यह कमेटी ड्राफ्ट तैयार करेगी और इस यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड को लागू करेंगे। आर्टिकल 44 के तहत राज्य को इसकी पावर है। मंत्रिमंडल ने तय किया है कि जल्द ही इसे लागू करेंगे। गोवा के बाद उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य होगा जो यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड लाएगा। बताया कि विधानसभा सत्र का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल के पास है। वहीं इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट व सभी कैबिनेट मंत्री उपस्थित रहे।
क्या है यूनिफार्म सिविल कोड
यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून। चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक कानून लागू होगा। यह एक पंथ निरपेक्षता कानून जो सभी के लिए समान रूप से लागू होता है।

