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कौन बनेगा उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री, हो चुकी है तेज दौड़ शुरू

उत्तर नारी डेस्क

उत्तराखण्ड में भारतीय जनता पार्टी र‍िकॉर्ड ने तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है और अब सरकार बनाने जा रही है, लेक‍िन पार्टी को जीत तक ले जाने वाले और पार्टी का चेहरा रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं अपनी सीट बरकरार रखने में विफल रहे। ऐसे में प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन बनेगा? यह प्रश्न राजनीतिक गलियारों में तैर रहा है। साथ ही भाजपा भी मुख्यमंत्री के नाम पर विचार करने में जुट गई है। इस सिलसिले में विधायकों का मन टटोलने के लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल को पर्यवेक्षक नियुक्त किया जा रहा है। 

बता दें, यह माना जा रहा है कि चुनाव हारने के बावजूद सूबे के अगले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बनाया जा सकता है। जनता की पसंद और युवा नेतृत्व को देखते हुए बीजेपी अब किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। वहीं, पिछले वर्ष जुलाई में हुए सत्ता परिवर्तन होने के बाद भाजपा ने पुष्कर सिंह धामी को समूचे प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बाद धामी ने सरकार और पार्टी की छवि को बेहतर करने की कोशिश में वह सफल रहे। साथ ही राजनीतिक कौशल का परिचय दे हुए पार्टी हाईकमान का ध्यान खींचने में सफलता पाई थी। जिसके चलते दबी जुबान में धामी को एक और मौका देने की बात भी हो रही है। वहीं, कई विधायकों ने उनके लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है। बीते दिन चम्पावत से चुनाव जीते विधायक कैलाश गहतौड़ी ने सबसे पहले यह पेशकश की थी। अब जागेश्वर से चुनाव जीते भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह मेहरा और खानपुर से निर्दलीय चुनाव जीते उमेश जे कुमार ने भी इसी तरह की पेशकश की है।

इनके नाम की भी चर्चा

मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट के नाम भी चर्चा में है। माना जा रहा कि अनुभव को तरजीह देने की स्थिति में पार्टी नेतृत्व इनके नाम पर विचार कर सकता है। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री रहे सतपाल महाराज, डा धन सिंह रावत के नाम भी चर्चा में चल रहे हैं।

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