उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली है। जहां प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों में भारतीय जनता पार्टी ने 47 सीटों पर जीत दर्ज कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है। वहीं अब भाजपा से निष्काषित हुए पूर्व मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को इस बात का मलाल है कि भाजपा ने उनका पक्ष जाने बिना उन्हें निष्काषित किया है और उनका पक्ष तक जानने का प्रयास नहीं किया। पूर्व मंत्री डॉ हरक सिंह रावत का कहना है कि वास्तविकता तो यह है कि वह पहले ही निर्णय ले चुके थे कि भाजपा नहीं छोड़ेंगे। यदि छोड़नी होती तो पहले ही ऐसा कर लेते। यदि उनसे एक बार पूछ लिया जाता कि सच क्या है और भाजपा तब उनके बारे में निर्णय लेती तो उचित रहता। खैर, अब यह बीती बात हो गई है।
वहीं, अब भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद पूर्व मंत्री डॉ हरक सिंह रावत का बयान सामने आया है। जहां वह कह रहे हैं; कि "मैंने भाजपा नहीं छोड़ी थी, मुझे अचानक हटाया गया। यदि एक बार मुझसे पूछ लेते कि सच क्या है, फिर निर्णय लेते तो कोई बात नहीं होती"। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव के परिणाम पर कांग्रेस की हार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ब्लाक स्तर पर मजबूत सांगठनिक ढांचा न होने से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा है।
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अब कांग्रेस संगठन को ग्राम स्तर तक मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यदि कांग्रेस का ब्लाक स्तर पर मजबूत संगठन होता तो विधानसभा चुनाव के परिणाम कुछ और होते। उन्होंने कहा कि भाजपा के झंडे गांव-गांव लगे थे। मजबूत सांगठनिक ढांचा और प्रधानमंत्री मोदी की वजह से भाजपा को जीत मिली। चुनाव में भाजपा व प्रदेश सरकार कहीं नहीं थी। लोग सिर्फ मोदी को देख रहे थे।
वहीं हरक की राजनीति में वापसी पर ने मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि वह राजनीति में हैं तो चुप नहीं बैठेंगे। कांग्रेस के सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने पर जोर देंगे। अब कांग्रेस हाई हाईकमान जो भी निर्णय लेगा, वह उसके अनुरूप कार्य करेंगे।
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