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देवभूमि उत्तराखण्ड में मिली आठ मंजिला गुफा, पढ़े इस अनोखी गुफा के बारे में

उत्तर नारी डेस्क 

ऋग्वेद में उत्तराखण्ड को देवभूमि कहा गया है। ऐसी भूमि जहां देवी-देवता निवास करते हैं। राज्य में कई गुफाओं में देवताओं के वास की कहानियां अपने जरूर सुनी होगी। लेकिन, ये सिर्फ कहानियां ही नहीं, बल्कि वास्तविक रूप में भी सामने आई है। दरअसल, पिथौरागढ़ जिले के शैल पर्वत क्षेत्र की गुफाओं वाली घाटी गंगोलीहाट में एक बेहद विशाल गुफा मिली है। इस गुफा को काफी पुराना भी बताया जा रहा है। इतना ही नहीं इस गुफा के अंदर का नजारा और चौंकाने वाला है। इस गुफा के अंदर एक शिवलिंग है, जिस पर अब भी अपने आप पानी की बूंदें टपक रही हैं। इस नजारे को जिसने देखा वो दंग रह गया। बताया जा रहा है कि, यह गुफा 8 तल की है और इसमें कई पौराणिक चित्र भी उभरे हुए मिले हैं। माना जा रहा है कि यह गुफा मशहूर पाताल भुवनेश्‍वर गुफा से भी बड़ी हो सकती है। 

4 युवाओं ने खोजी यह रहस्यमयी गुफा

शैल पर्वत क्षेत्र की गुफाओं वाली घाटी गंगोलीहाट में स्थित प्रसिद्ध सिद्धपीठ हाटकालिका मंदिर से करीब एक किमी दूर मिली इस गुफा को 4 युवाओं ने खोजा है। रविवार को गंगोलीहाट के गंगावली वंडर्स ग्रुप के सुरेंद्र स‍िंह बिष्ट, ऋषभ रावल, भूपेश पंत और पप्पू रावल ने गुफा में प्रवेश किया। गुफा के विशालकाय आकार को देखकर दंग रह गए। वे गुफा के अंदर करीब 200 मीटर तक गए और प्राकृतिक रूप से बनी सीढ़ियों के जरिए गुफा के 8 तल नीचे तक गए। गुफा में 9वां तल भी था लेकिन वे वहां नहीं पहुंच पाए। वहीं, स्थानीय लोगों ने इसे महाकालेश्वर नाम दिया है। 

गुफा में उभरी हैं आकृतियां

क्षेत्र की अन्य गुफाओं की तरह यहां की चट्टानों पर भी पौराणिक आकृतियां उभरी हुई हैं और शिवलिंग की आकृति पर चट्टान से पानी टपक रहा है। इसके अलावा शेषनाग व अन्य पौराणिक देवी, देवताओं के चित्र भी उभरे हैं। वहीं, टीम लीडर सुरेंद्र स‍िंंह बिष्ट ने बताया कि यह अब तक मिली गुफाओं में सबसे बड़ी है। इसके बावजूद भी गुफा के अंदर पर्याप्त आक्सीजन है। उन्होंने कहा कि उनके पास प्रकाश के लिए कम रोशनी वाले टार्च उपलब्ध थे और रस्सी आदि भी नहीं थी। जिस वजह से वे नौंवे तल तक पहुँचने में असमर्थ रहे। 150 मीटर गहरी पाताल भुवनेश्वर की तरह यह गुफा इस क्षेत्र के पर्यटन में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

अब तक 10 से अधिक मिल चुकी हैं गुफाएं 

गंगावली क्षेत्र के शैल पर्वत शिखर पर मानस खंड में 21 गुफाओं का जिक्र है। जिसमें 10 गुफाओं का पता चल चुका है। सिद्धपीठ हाट कालिका मंदिर के आसपास रविवार को मिली गुफा के अलावा तीन अन्य गुफाएं होने के संकेत भी मिल चुके हैं।

एक साल पहले हुआ था प्रयास

गुफा की मौजूदगी के बारे में करीब एक साल पूर्व लॉकडाउन के दौरान गंगोलीहाट के युवा दीपक रावल को जानकारी मिली थी। तब वे इस गुफा के मुहाने पर पहुंचे थे और इस गुफा के संकरे प्रवेश द्वार से अंदर गए, परंतु संसाधन नहीं होने के कारण गुफा के भीतर नहीं जा सके। इसके बाद उन्होंने साथियों के साथ इस बात को साझा किया और गुफा में जाने की योजना बनाई। रविवार को सुरेंद्र बिष्ट, भूपेश पंत, ऋषभ रावल, पप्पू रावल और दीपक रावल (दीपू) इस स्थान पर पहुंचे। यहां पड़े कुछ पत्थरों को हटाया तो गुफा का मुहाना खुल गया। हिम्मत जुटाकर मोबाइल की लाइट के सहारे उन्होंने गुफा में प्रवेश किया। इसके बाद सभी युवा इस गुफा में आठ मंजिल तक चढ़े। वहीं, प्रभारी क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई, अल्मोड़ा डा. चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पिथौरागढ़ में हाटकालिका मंदिर के समीप पाताल भुवनेश्वर गुफा की तरह ही नई गुफा खोजे जाने की सूचना मिली है। विभागीय टीम मौके पर जाएगी और इस पर शोध शुरू किया जाएगा।

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