उत्तर नारी डेस्क
देश में मौसम शुष्क बना हुआ है और तापमान सामान्य से कई डिग्री सेल्सियस अधिक है। जिससे पहाड़ से लेकर मैदान तक गर्मी बढ़ रही है। वहीं इस बीच गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली संकट भी गहराता जा रहा है। जहां आज बुधवार को उद्योगों के साथ ही आम लोगों को बिजली संकट का दंश झेलना पड़ा है। आपको बता दें खपत बढ़ने और उपलब्धता कम होने के चलते कई घंटे बिजली कटौती की जा रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और उद्योगों पर बिजली कटौती की मार पड़ रही है। यहां पांच से आठ घंटे कटौती की जा रही है। बाजार से पर्याप्त बिजली न मिल पाना और प्रदेश की जल विद्युत परियोजनाओं में भी उत्पादन घटने से चिंता बढ़ गई है। फिलहाल ऊर्जा संकट से निजात मिलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है।
वहीं आज उद्योगों को छह घंटे से अधिक का पावर कट झेलना पड़ा था। तो देहरादून के औद्योगिक क्षेत्र में अभी तक कटौती से अछूते थे, पर मंगलवार को उन्हें भी कटौती झेलनी पड़ी। छोटे शहरों में भी लोगों को बिजली की आंखमिचौनी ने परेशान किया। प्रदेश में प्रतिदिन 42 से 44 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हो रही है। जबकि, उपलब्धता 38 मिलियन यूनिट से भी कम है। बात करें हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के ग्रामीण क्षेत्रों और औद्योगिक क्षेत्रों की तो वहां भी रोजाना पांच से आठ घंटे बिजली कटौती की जा रही है। पंतनगर और ज्वालापुर स्थित औद्योगिक क्षेत्र छह-छह घंटे की कटौती झेल रहे हैं।
वहीं इस संबंध में यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि बाजार से अधिकतम रेट पर भी पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। दूसरे राज्यों में उद्योगों में 12 घंटे से भी ज्यादा की कटौती हो रही है। उत्तराखण्ड में कम से कम कटौती हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है।