उत्तर नारी डेस्क
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार चारधाम यात्रा एवं कानून व्यवस्था के दृष्टिगत विगत 10 वर्षों से उत्तराखण्ड में कार्यरत एवं निवास कर रहे और रेड़ी/ठेली लगाने वालों तथा किरायदारों आदि का भौतिक सत्यापन कराए जाने हेतु आज से पूरे प्रदेश में 10 दिवस का एक सघन अभियान चलाया जा रहा है। यदि कोई व्यक्ति अधिक समय से बिना सत्यापन कराए रह रहा है, तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। साथ ही, प्रदेश के तीर्थ स्थलों की मर्यादा और पर्यटक स्थलों पर स्वच्छता बनी रहे इसके लिए दिनांक 21 अप्रैल से पूरे प्रदेश में तीन माह हेतु पुनः "ऑपरेशन मर्यादा" विशेष अभियान चालाया जा जाएगा। इस विशेष अभियान के अन्तर्गत तीर्थ स्थलों एवं गंगा किनारों पर हुड़दंग और मादक पदार्थों का सेवन करने वालों को तुरंत गिरफ्तार और पर्यटक स्थलों पर गंदगी करने वालों के विरूद्ध जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी।
बता दें, उत्तराखण्ड में रोजाना उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल, पंजाब व हरियाणा जैसे राज्यों से लोगों की आवाजाही लगी रहती है। ऐसे में कई बार आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी दूसरे राज्यों में वारदातों को अंजाम देने के बाद उत्तराखण्ड में पहचान छुपाकर प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे कई मामले हैं जब उत्तर प्रदेश, हरियाणा पंजाब के कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी उत्तराखण्ड से हुई है। यही कारण है कि इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले प्रदेश में पहचान कर रहने वाले बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के माध्यम से साफ संदेश दिया कि राज्य की शांति में जिन लोगों से अस्थिरता आ सकती है, उनका चारधाम यात्रा में प्रवेश पूरी तरह से वर्जित होगा। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री धामी ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट डाली थी, जिसमें उन्होंने लिखा,"हमारी संस्कृति हमारी पहचान है, इसके बिना हमारा कोई भी अस्तित्व नहीं" चार धाम हमारी संस्कृति के एक अभिन्न अंग है इसलिए हमारी सरकार पूरी कोशिश करेगी कि जिन लोगों के पास उचित सत्यापन नहीं होंगे या जिनके कारण प्रदेश की शान्ति व्यवस्था में अस्थिरता आ सकती है, चारधाम यात्रा के दौरान ऐसे व्यक्तियों का प्रवेश राज्य में पूर्णतः वर्जित होगा।
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