उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में दहेज उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहें हैं। दहेज लेना और देना दोनों ही कानून अपराध है। दहेज प्रथा कों लेकर भले हीं सख्त क़ानून बने हों लेकिन इसके बावजूद भी आए दिन दहेज कों लेकर महिलाओं से उत्पीड़न की ख़बरें सामने आती रहती हैं। इसी क्रम में अब ख़बर कोटद्वार के सिमलचौड़ से है।
जहां बीते दिन विवाहिता मीनाक्षी देवी की संदिग्ध हालत में हुई मौत के मामले में पुलिस ने उसके पति, सास, ससुर, देवर और ननद के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार एक अप्रैल को सिमलचौड़ वार्ड निवासी राजन राजपूत की पत्नी मीनाक्षी का शव पंखे से लटका मिला था। परिजन उसे राजकीय बेस अस्पताल लेकर आए थे वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मृतका के पिता गजरौला निवासी सुबोध कुमार ने ससुराल पक्ष पर उनकी बेटी की दहेज के लिए हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। इसमें कहा गया कि उनकी बेटी मीनाक्षी का विवाह कोटद्वार के गोविंद नगर निवासी राजन राजपूत के साथ आठ दिसंबर, 2017 को हुआ था। तभी से राजन समेत उसकी मां, पिता, भाई और बहन लगातार दहेज के लिए परेशान करते आ रहे थे। आए दिन झगड़े और मारपीट से परेशान होकर वह परिवार से अलग होकर अपने पति के साथ सिमलचौड़ में किराए के एक कमरे में रहने लग गई। एक अप्रैल को राजन ने मीनाक्षी की तबीयत अचानक खराब होने की जानकारी दी लेकिन जब तक वे कोटद्वार पहुंचे उनकी बेटी की मौत हो चुकी थी। पिता सुबोध ने बताया कि मृत्यु से छह दिन पूर्व उनकी बेटी मायके आई थी, तब उसने उसके साथ क्रूर व्यवहार और दहेज के लिए प्रताड़ित करने की बात कही थी
वहीं अब इस संबंध में मृतका के पिता सुबोध कुमार की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर मृतका के पति राजन, ससुर मूलचंद, सास लीला देवी, ननद हिमानी, देवर सागर सभी निवासी गोविंद नगर कोटद्वार के खिलाफ दहेज हत्या, दहेज उत्पीड़न, क्रूरता और स्वेच्छा से चोट पहुंचाने से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जाँच की जा रही है।
यह भी पढ़ें - कोटद्वार : बुजुर्ग ने खाया कीटनाशक पदार्थ, हुई मौत