उत्तर नारी डेस्क

बुजुर्ग दंपति के वकील अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि केस दर्ज कराने वाले सिडकुल स्थित हरिद्वार ग्रीन निवासी संजीव रंजन प्रसाद बीएचईएल में अधिकारी पद पर कार्यरत थे। रिटायरमेंट के बाद वे अपनी पत्नी साधना प्रसाद के साथ एक हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं। श्रेय सागर उनका इकलौते बेटा है। पुत्र की परवरिश में कोई कमी न हो इस वजह से उन्होंने अन्य संतान भी पैदा नही की। बेटे को पढ़ा लिखा के पायलट बनाया। वर्तमान में श्रेय सागर प्रतिष्ठित एयर लाइन कंपनी में बतौर पायलट कैप्टन है। उन्होंने बताया कि उनके इकलौते बेटे श्रेय सागर की शादी साल 2016 में नोएडा की शुभांगी सिन्हा से हुई थी। श्रेय सागर की पत्नी शुभांगी भी नोएडा में जॉब करती हैं। बुजुर्ग दंपति का आरोप है कि शादी के छह साल बाद भी बेटे और बहू को बच्चा नहीं हुआ है। वे मरने से पहले पोते के मुंह को देखने के लिए उत्सुक है, लेकिन बेटा और बहू बच्चा पैदा करने को तैयार नहीं है। जिससे उन्हें काफी मानसिक वेदना से गुजरना पड़ रहा है। जिस वजह से उन्हें कोर्ट में केस दर्ज करना पड़ा है।
बता दें, बुजुर्ग दंपत्ति ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि शादी के 6 साल बाद भी उनका बेटा और बहू संतान पैदा नहीं कर रहे हैं, जिससे उन्हें काफी मानसिक वेदना से गुजरना पड़ रहा है। परिवार का सुख उनको नहीं मिलता है। उनको मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को पायलट बनाने के लिए यूएसए से प्रशिक्षण में 35 लाख रुपये की फीस, रहन-सहन का खर्च 20 लाख व पुत्र व पुत्रवधू की खुशी के लिए 65 लाख की ऑडी कार लोन लेकर खरीद कर दी है, मगर बदले में उनको केवल दुःख और अशान्ति मिल रही है। यही वजह है कि इस दंपति ने अपने बेटे की परवरिश में खर्च हुए करीब 5 करोड़ रुपये बहू और बेटे से वापस दिलाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई है।
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