उत्तर नारी डेस्क

जानकारी के अनुसार, 24 वर्षीय प्रदीप कुमार मूल रूप से जनपद रूड़की, उत्तराखण्ड का रहने वाले हैं। भारतीय सेना में तीन साल पहले गनर के पद पर भर्ती हुआ था, जिसके बाद से आरोपी की पोस्टिंग अति संवेदनशील रेजिमेंट 881 जोधपुर में हुई थी। आरोपी जवान ने पूछताछ में बताया कि तकरीबन 6-7 महीने पहले उसके मोबाइल पर अनजान महिला का फोन कॉल आया। फिर दोनों के बीच दोस्ती हो गई। जिसके बाद दोनों के बीच वाट्सएप पर चैट, वॉइस कॉल और वीडियो कॉल द्वारा आपस में बाते होने लगीं। इस दौरान महिला ने खुद को मध्य प्रदेश की रहने वाली व बेंगलुरु में एक मल्टी नेशनल कंपनी में कार्यरत बताती थी। जबकि वह पाकिस्तान की आईएसआई एजेंट थी। आईएसआई एजेंट महिला ने आरोपी से दिल्ली आकर मिलने और शादी करने का झांसा देकर भारतीय सेना से जुड़ी गोपनीय दस्तावेजो के फोटोग्राफ्स मांगना शुरू किया। जिस पर आरोपी द्वारा हनीट्रैप में फंसकर अपने कार्यालय से सेना से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेजात की फोटो चोरी छिपे अपने मोबाइल से खींचकर वाटसएप के जरिये महिला एजेंट को भेजे। इसकी भनक जब स्टेट आईबी को लगी तो उन्होंने आरोपी के मोबाइल फोन की वास्तविक जांच में तथ्यों की पुष्टि होने पर उसके खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
बता दें, 18 मई दोपहर में आरोपी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू की गई, तब जाकर नए-नए खुलासे हुए। आरोपी जवान ने बताया कि पाकिस्तानी महिला एजेंट को अपने सिम कार्ड के मोबाइल नंबर और उस नंबर पर व्हाट्सएप एक्टिवेट करने के लिए मोबाइल पर आया हुआ ओटीपी भी शेयर किया था, जिससे वह अन्य किसी नाम से उपयोग कर अन्य लोगों और आर्मी के जवानों को अपना शिकार बना सके। वहीं, अब पाकिस्तानी महिला एजेंट ने प्रदीप के मोबाइल नंबर का उपयोग कर एक्टिवेट किए गए व्हाट्सएप अकाउंट के जरिए सेना के अन्य जवानों को अपना शिकार बनाया है या नहीं, इस बारे में भी जांच की जा रही है। इसके साथ ही प्रदीप को शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
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