उत्तर नारी डेस्क

बता दें, ग्राम चहज रहने वाले प्रकाश चंद्र जोशी शनिवार को अपनी पत्नी उषा जोशी के साथ मां 75 वर्षीय बसंती देवी को गंभीर हालत में आपातकालीन सेवा 108 की मदद से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। बुजुर्ग महिला को 20 दिन से शरीर में सूजन और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वहीं, डॉक्टर इमरजेंसी में बुजुर्ग महिला के उपचार में लग गए, लेकिन कुछ देर बाद बुजुर्ग महिला की सांसें एकदम से रुक गईं। जिस पर उनके बेटे-बहु ने उन्हें मृत समझ लिया और अपने परिजनों को फोन कर इसकी जानकारी दी। इसके बाद वह अस्पताल के बाहर जाकर रोने लगे। लेकिन आपातकालीन कक्ष में ईएमओ डॉ. रोहित ग्रोवर, फार्मासिस्ट गोपाल सिंह बिष्ट, कक्ष सहायक कमल शर्मा ने हार नहीं मानी और कार्डियो पल्मोनरी रेसुसिटेशन (सीपीआर) प्रक्रिया देकर महिला को बचाने में जुटे रहे। भगवान का शुक्र है कि उनके द्वारा किये गए प्रयासों के बाद बुजुर्ग महिला की सांसें वापस लौटाईं। इसके बाद उन्हें वार्ड में भर्ती किया गया, जहां पर उसका उपचार चल रहा है।
बेटे प्रकाश चंद्र जोशी के अनुसार चिकित्सकों की टीम ने सीपीआर देकर उनकी मां को नया जीवन दिया है। जिससे उनके परिवार की खुशी लौटाई है। उन्होंने टीम की सराहना करते हुए कहा कि चिकित्सक को इसलिए ही भगवान का रूप कहा जाता है।
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