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कोटद्वार : कन्हैयालाल की निर्मम हत्या पर हिन्दूवादी संगठनों में आक्रोश

उत्तर नारी डेस्क 

राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार को दर्जी कन्हैया लाल साहू की निर्मम हत्या के बाद देशभर में आक्रोश है। इसको लेकर कोटद्वार में भी आक्रोश बढ़ गया है। जिसके विरोध में विभिन्न हिन्दूवादी संगठनों ने शहर में आक्रोश रैली निकाली और महामहिम राष्ट्रपति को पत्र भेज शीघ्र ही मामले में ठोस कार्रवाई की मांग की। उनकी मांग है कि कन्हैया लाल की हत्या के गुनाहगारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। वहीं, हिन्दूवादी संगठनों का कहना है कि अगर गुनाहगारों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं दी गई तो वह उग्र आंदोलन करेंगे। गौरतलब है कि कोटद्वार में जैसे ही हिन्दू संगठनों के सदस्यों ने आक्रोश रैली निकाली और बाजार बंद करवाना शुरू किया तो कुछ दुकानदारों के साथ उनकी तीखी नोक-झोंक हो गई। फिर वरिष्ठ सदस्यों ने बीच बचाव कर मामले को शांत कराया और सभी प्रतिष्ठानों को बंद कराया। इसके बाद जहां से भी आक्रोश रैली गुजरती, वहां दुकानदार खुद ही अपने प्रतिष्ठान बंद कर देते।


क्या है पूरी वारदात?

वारदात उदयपुर शहर के धानमंडी थाना क्षेत्र की मालदीस स्ट्रीट की है। कन्हैया लाल साहू नाम का एक शख्स यहां टेलर की दुकान चलाता है। उसके बेटे ने भारतीय जनता पार्टी नेत्री रहीं नूपुर शर्मा के पक्ष में एक पोस्ट किया था। इसके बाद से कन्हैया लाल को धमकी मिल रही थी। इन धमकियों की वजह से उसने पांच दिन तक दुकान भी बंद रखी थी। 28 जून यानी मंगलवार को जैसे ही कन्हैया लाल ने दुकान खोली तो दो शख्स उसके पास पहुंचे। नाप लेने के दौरान ही अचानक से कन्हैया लाल पर खौफनाक हमला बोल दिया और टेलर की गर्दन धड़ से अलग कर दी गई। कत्ल करने के बाद कातिलों ने अपना नाम मुहम्मद रियाज़ औऱ मुहम्मद गौस बताते हुए हत्या की बात कबूली और उसका वीडियो भी बनाया। वारदात के बाद पूरे देश में हिन्दूवादी संगठनों में आक्रोश फैल गया है। बुधवार को इसकी आंच कोटद्वार में भी महसूस की गई। यहां लैंसडाउन विधायक व सिद्धबली मंदिर के महंत दिलीप रावत के नेतृत्व में विभिन्न हिन्दू संगठनों के पदाधिकारियों व सदस्यों ने आक्रोश रैली निकाल तहसील परिसर पहुंचे। यहां महंत दिलीप रावत ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजते हुए कहा कि कन्हैया लाल ने सिर्फ एक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की थी। जिसके बाद उसे जान से मारने की धमकियां मिलनी शुरू हो गयी। जिसके संबंध में उसने पुलिस को इसकी शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की। जिसका परिणाम है कि एक समुदाय के युवकों ने कन्हैया की निर्मम हत्या कर दी। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राजस्थान में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और गुनाहगारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।

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