पंडित राजेन्द्र प्रसाद बेबनी
पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष,
ज्येष्ठ
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि---------- पूर्णिमा 17:20:40 तक
पक्ष------------------------- शुक्ल
नक्षत्र----------- ज्येष्ठा 18:31:06
योग------------ साध्य 09:38:30
करण------- विष्टि भद्र 07:13:04
करण------------- बव 17:20:40
करण----------- बालव 27:26:19
वार---------------------- मंगलवार
माह--------------------- जेष्ठ सेक 31गते
चन्द्र राशि-------वृश्चिक 18:31:06
चन्द्र राशि-------------------- धनु
सूर्य राशि-------------------- वृषभ
रितु-------------------------- ग्रीष्म
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर----------------------- नल
संवत्सर (उत्तर) -----------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)--------- 2078
शक संवत----------------- 1944
कोटद्वार उत्तराखड
सूर्योदय--------------- 05:24:41
सूर्यास्त---------------- 19:14:21
दिन काल--------------13:49:40
रात्री काल------------- 10:10:25
चंद्रास्त---------------- 05:43:53
चंद्रोदय---------------- 19:23:42
लग्न---- वृषभ 28°47' , 58°47'
सूर्य नक्षत्र------------------मृगशिरा
चन्द्र नक्षत्र------------------- ज्येष्ठा
नक्षत्र पाया------------------- ताम्र
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
या---- ज्येष्ठा 07:58:43
यी---- ज्येष्ठा 13:15:13
यू---- ज्येष्ठा 18:31:06
ये---- मूल 23:46:32
यो---- मूल 29:01:40
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृषभ 28:12 मृगशिरा , 2 वो
चन्द्र = वृश्चिक 21°23 , ज्येष्ठा , 2 या
बुध =वृषभ 06 ° 07' कृतिका ' 3 उ
शुक्र=मेष 25°05, भरणी ' 4 लो
मंगल=मीन 20°30 ' रेवती ' 2 दो
गुरु=मीन 11°30 ' उ o भा o, 3 झ
शनि=कुम्भ 01°33 ' उ o भा o ' 3 गु
राहू=(व) मेष 26°40' कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 26°40 विशाखा , 3 ते
🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩
राहू काल 15:47 - 17:31 अशुभ
यम घंटा 08:52 - 10:36 अशुभ
गुली काल 12:20 - 14:03 अशुभ
अभिजित 11:52 -12:47 शुभ
दूर मुहूर्त 08:11 - 09:06 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:18 - 24:14 अशुभ
🚩गंड मूल अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
रोग 05:25 - 07:08 अशुभ
उद्वेग 07:08 - 08:52 अशुभ
चर 08:52 - 10:36 शुभ
लाभ 10:36 - 12:20 शुभ
अमृत 12:20 - 14:03 शुभ
काल 14:03 - 15:47 अशुभ
शुभ 15:47 - 17:31 शुभ
रोग 17:31 - 19:14 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
काल 19:14 - 20:31 अशुभ
लाभ 20:31 - 21:47 शुभ
उद्वेग 21:47 - 23:03 अशुभ
शुभ 23:03 - 24:20 शुभ
अमृत 24:20 - 25:36 शुभ
चर 25:36 - 26:52 शुभ
रोग 26:52 - 28:08 अशुभ
काल 28:08 - 29:25 अशुभ
💮होरा, दिन
मंगल 05:25 - 06:34
सूर्य 06:34 - 07:43
शुक्र 07:43 - 08:52
बुध 08:52 - 10:01
चन्द्र 10:01 - 11:10
शनि 11:10 - 12:20
बृहस्पति 12:20 - 13:29
मंगल 13:29 - 14:38
सूर्य 14:38 - 15:47
शुक्र 15:47 - 16:56
बुध 16:56 - 18:05
चन्द्र 18:05 - 19:14
🚩होरा, रात
शनि 19:14 - 20:05
बृहस्पति 20:05 - 20:56
मंगल 20:56 - 21:47
सूर्य 21:47 - 22:38
शुक्र 22:38 - 23:29
बुध 23:29 - 24:20
चन्द्र 24:20 - 25:10
शनि 25:10 - 26:01
बृहस्पति 26:01 - 26:52
मंगल 26:52 - 27:43
सूर्य 27:43 - 28:34
शुक्र 28:34 - 29:25
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
वृषभ > 02:50 से 04:40 तक
मिथुन > 04:40 से 07:01 तक
कर्क > 07:01 से 09:20 तक
सिंह > 09:20 से 11:24 तक
कन्या > 11:24 से 13:40 तक
तुला > 13:40 से 15:55 तक
वृश्चिक > 15:55 से 18:07 तक
धनु > 18:07 से 20:16 तक
मकर > 20:16 से 22:02 तक
कुम्भ > 22:02 से 23:36 तक
मीन > 23:36 से 01:02 तक
मेष > 01:02 से 02:50 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 3 + 1 = 19 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
चन्द्र ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
15 + 15 + 5 = 35 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
प्रातः 07:13 तक
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
ज्येष्ठी पूर्णिमा
वट सावित्री व्रत पूर्ण
संत कबीर जयंती
अमरनाथ यात्रा प्रारम्भ
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
अग्निर्देवो द्विजातीनां मुनीनां हृदि दैवतम् ।
प्रतिमा त्वल्पबुध्दीनां सर्वत्र समदर्शिनाम् ।।
।। चा oनी o।।
द्विज अग्नि में भगवान् देखते है.
भक्तो के ह्रदय में परमात्मा का वास होता है.
जो अल्प मति के लोग है वो मूर्ति में भगवान् देखते है.
लेकिन जो व्यापक दृष्टी रखने वाले लोग है, वो यह जानते है की भगवान सर्व व्यापी है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: श्रद्धात्रयविभागयोग अo-17
अनुद्वेगकरं वाक्यं सत्यं प्रियहितं च यत्।,
स्वाध्यायाभ्यसनं चैव वाङ्मयं तप उच्यते॥,
जो उद्वेग न करने वाला, प्रिय और हितकारक एवं यथार्थ भाषण है (मन और इन्द्रियों द्वारा जैसा अनुभव किया हो, ठीक वैसा ही कहने का नाम 'यथार्थ भाषण' है।,) तथा जो वेद-शास्त्रों के पठन का एवं परमेश्वर के नाम-जप का अभ्यास है- वही वाणी-सम्बन्धी तप कहा जाता है॥,15
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विवेक से कार्य करें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। प्रमाद न करें।
🐂वृष
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। किसी बड़े काम को करने में रुझान रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। चोट व रोग से बचें। सुख के साधन जुटेंगे। घर में तनाव रह सकता है।
👫मिथुन
पुराना रोग उभर सकता है। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। लेन-देन में विशेष सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। दु:खद समाचार मिल सकता है। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। कार्य में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी।
🦀कर्क
किसी गलती का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। अज्ञात भय सताएगा। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
🐅सिंह
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास न करें। आय में वृद्धि होगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। कोई बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य बेहद अनुकूल है, लाभ लें। चोट व रोग से बचें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🙍♀️कन्या
शत्रु परास्त होंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। सुख के साधन जुटेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। स्त्री पक्ष से लाभ होगा। अज्ञात भय रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
⚖️तुला
वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें, विशेषकर स्त्रियां रसोई में ध्यान रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। आय में निश्चितता होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा।
🦂वृश्चिक
कुसंगति से हानि होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। परिवार के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्नता रहेंगे। भाइयों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।
🏹धनु
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नए व्यापारिक अनुबंध होंगे। धनार्जन होगा। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शत्रु परास्त होंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🐊मकर
पुराने शत्रु परेशान कर सकते हैं। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। आय होगी। प्रमाद न करें।
🍯कुंभ
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों से अपेक्षा पूर्ण नहीं होने से खिन्नता रहेगी। कार्य में विलंब होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। व्यस्तता रहेगी।
🐟मीन
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश के सुखद परिणाम आएंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। किसी बड़ी बाधा के दूर होने से प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद से क्लेश संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।
कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबनी
मोबाइल नंबर - 91 78953 06243
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