उत्तर नारी डेस्क
इस अवसर पर श्री यशवंत सिंह चौहान, वन क्षेत्राधिकारी अगस्त्यमुनि ने स्वयंसेवकों को लोकपर्व हरेला की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य में प्रत्येक वर्ष लोकपर्व हरेला मनाया जाता है। हरेला का अर्थ होता है- हरियाली का दिन। श्रावण मास में मनाया जाने वाला यह लोकपर्व हरेला ऐतिहासिक एवं सामाजिक रुप से अपना विशेष महत्व रखता है। यह वर्षा ऋतु के मौसम में उगाई जाने वाली फसलों का प्रतीक माना जाता है।
प्रभारी प्राचार्य डॉ० लक्ष्मी दत्त गार्ग्य ने "मेरा वृक्ष-मेरा मित्र" पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष लोकपर्व हरेला में अधिकाधिक पौधरोपण किया जाता है। प्रायः देखने में आता है कि रोपित पौधों का उचित संरक्षण नहीं हो पाता है। इसलिए इस वर्ष रोपित पौधों का मित्र के रुप में संरक्षण किया जा रहा है, जिससे इन रोपित पौधों का उचित संरक्षण भी होगा और साथ ही स्वयंसेवी को पौधे के रूप में एक मित्र का ख्याल रखते हुए जिम्मेदारी एवं भावनात्मक लगाव की भावना का एहसास भी होगा। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी एवं मुख्य छात्रावास अधीक्षक डॉ० जितेन्द्र सिंह द्वारा इस कार्यक्रम का संचालन किया गया। इस अवसर पर श्री लाल सिंह रावत, वन दरोगा अगस्त्यमुनि, श्री भरत सिंह चौहान, वन आरक्षी अगस्त्यमुनि एवं वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ० निधि छाबड़ा, डॉ० शिव प्रसाद पुरोहित, डॉ० कृष्णा राणा एवं दीपक सेमवाल सहित स्वयंसेवी एवं विवेकानंद पुरुष छात्रावास में रह रहे सभी छात्र उपस्थित रहे।
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