उत्तर नारी डेस्क
कोरोना काल के मुश्किल हालातों में कोटद्वार के बेस अस्पताल में ड्यूटी करने वाले 18 अस्थाई कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गयी है। जिस वजह से मरीजों और तीमारदारों को पर्ची लेने के लिए कई घंटों तक लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है। आज सुबह भी अस्पताल में पर्ची कटाने के लिए लम्बी लाइन लगी दिखाई दी, कई मरीज तो थक कर बैठे हुऐ दिखाई दिए। वहीं, अस्पताल से निकाले गए कर्मचारियों ने अपनी पुनः नियुक्ति को लेकर बीते गुरुवार को यानी कल विधानसभा अध्यक्ष व स्थानीय विधायक ऋतु भूषण खंडूड़ी से उनके कोटद्वार आवास पर मुलाकात भी की, लेकिन उन्हें उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आई।
जानकारी के अनुसार, बेस अस्पताल के पर्ची काउंटर पर अब नये कर्मचारियों की नियुक्ति की है, जिन्हे कंप्यूटर कार्य का अनुभव अभी कम है। जिसका असर उनके काम पर पड़ रहा है और पर्ची काटने में देरी हो रही है। जिसका खामियाजा कोटद्वार बेस अस्पताल पहुंचे मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। गौरतलब है कि कोटद्वार बेस अस्पताल में पहले से ही लगभग 100 पद रिक्त चल रहे हैं, सरकार ने उन्हें भरने के बजाये और अब इन 18 अन्य कर्मचारियों को भी निकाल दिया है। वहीं, इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर आदित्य कुमार तिवारी का कहना है कि 18 कर्मचारियों की चिकित्सा समिति के तहत नियुक्ति की गई थी। शासन से 18 कर्मचारियों के लिए मानदेय हेतु अब धन नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते शासन के आदेश अनुसार इन 18 कर्मचारियों को हटाया गया है।
गौरतलब है कि बेस अस्पताल को पौड़ी जिले का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। यहां के कोविड वार्ड में ऑक्सीजन युक्त 100 बेड, 2 आईसीयू सेंटर और 2 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए गए हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण में कमी दर्ज होने के बाद प्रशासन ने कोरोना काल के मुश्किल हालातों में कोटद्वार के बेस अस्पताल में ड्यूटी करने वाले अस्थाई कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी। अब फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं तो ऐसे में बेस अस्पताल प्रबंधन के सामने कोरोना का इलाज करना चुनौती होगा। वहीं, हमारी आप सभी से अपील है कि सावधान रहें सुरक्षित रहें और ज्यादा भीड़ भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें। खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी कोरोना के प्रति जागरूक करें।
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