उत्तर नारी डेस्क
बता दें, उल्टी और दस्त की शिकायत के चलते दूरस्थ क्षेत्र पौखाल की श्रेया (उम्र 1 साल 11 माह) को परिजन रविवार यानी 17 जुलाई को शाम 4 बजे के आसपास कोटद्वार बेस अस्पताल लेकर पहुंचे थे। श्रेया को सामान्य उल्टी और दस्त हो रहे थे, लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में उसकी मौत हो गई। वहीं, श्रेया की बुआ निकिता का आरोप है कि कोटद्वार बेस अस्पताल में तैनात डॉक्टरों ने श्रेया के इलाज में लापरवाही बरती। जिस वजह से श्रेया की मौत हुई है। उनका साफ तौर पर कहना है कि श्रेया को शाम के 4 बजे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन डॉक्टर श्रेया को देखने तक नहीं आये। बल्कि उन्हें ये कह दिया कि रात 8 बजे डॉक्टर आएंगे और बच्ची की जांच करेंगे। ऐसे में वो बार-बार इलाज के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिल पाया और श्रेया ने दम तोड़ दिया।
कोटद्वार बेस चिकित्सालय की डॉक्टर कुसुमा रावत का कहना है कि, श्रेया को बेहोशी की हालत में अस्पताल में लाया गया और उसकी हालत बहुत नाजुक थी। नर्स ने उन्हें बताया था कि उसे दो-तीन दिन से उल्टी दस्त और बुखार आ रहे थे। अस्पताल में उसे झटके भी आ रहे थे। बच्ची के साथ सिर्फ दादी ही मौजूद थी। ऐसे में उन्हें बताया गया कि बच्ची की हालत काफी खराब और हम अपनी तरफ से बचाने की पूरी कोशिश कर रहे है। दादी अकेली थी, इस वजह से रेफर नहीं किया गया।