उत्तर नारी डेस्क
इसके लिए एक-एक साल के शॉर्ट टर्म प्लान के बजाए 3 या 5 साल का रोलिंग प्लान तैयार किया जाना चाहिए। इसके लिए गांवों में जाकर वहां के लोगों से बात करने के बाद ही उनकी जरूरतों एवं क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए प्लान तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों एवं अन्य उच्चााधिकारियों से पलायन रोकथाम किए जाने हेतु सुझाव मांगते हुए स्कीम में संशोधन और पुनर्निर्माण की बात कही। उन्होंने कहा कि बॉर्डर एरिया के गांवों के साथ ही अधिक समस्या वाले गांवों को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाए। जिलाधिकारी एवं उनकी टीम को गांवों में जाकर देखना होगा कि पलायन रोकने के लिए किस प्रकार की एरिया स्पेसिफिक योजनाओं को गांव स्तर पर लागू किया जाए। इकोनॉमिक एक्टिविटीज के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकि, पंकज पाण्डेय, अपर सचिव रंजना, प्रभारी सचिव आर. राजेश कुमार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
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