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RJ पंकज जीना ने लगाई अपने गाँव को बचाने की गुहार, पढ़ें पूरा मामला

उत्तर नारी डेस्क 

आज कल सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले से महज 20 किलोमीटर दूर स्थित चोपड़ा गांव चर्चाओं का विषय बना हुआ है। चर्चा का विषय इसलिए की चोपड़ा गांव के ठीक ऊपर की चट्टान में बड़े बड़े बोल्डर गांव की ओर दरक रहे हैं। दरअसल यहां की बचनढूंगा पहाड़ी से चट्टानें टूट रही हैं। चट्टानों के टूटने का खतरा वहां रह रहे 50 से 60 परिवार के ऊपर हर रोज मंडरा रहा है। इसी गॉव के रहने वाले मशहूर रेडियो जॉकी और स्टोरी टेलर पंकज जीना भी लगातार अपने गॉव की दुःख भरी दास्तान रेडियो और सोशल मीडिया के माध्यम से उजागर करते आ रहे हैं। जी हाँ हम उन्ही पंकज जीना की बात कर रहें हैं जिन की मूल जडें तो ज्योलीकोट के चोपड़ा गांव में हैं परन्तु अपने पैशन और प्रोफेशन के चलते बनारस की गलियों में रेडियो सिटी 91.9 एफएम के रिकार्डिंग रूम से वह आपके लिए रोज कुछ नया लेकर आते है। 

पंकज जीना बताते है कि वीआईपी शहर के नाम स जाना जाने वाला नैनीताल शहर जहा उत्तराखण्ड हाईकोर्ट से लेकर डीएम ऑफिस,राजभवन, और तमाम अधिकारियों के कार्यालय इत्यादि है लेकिन यही समीपवर्ती ज्योलीकोट गांव की चीख पुकार सुनने वाला कोई नही है। चोपडा गांव में चट्टाने टूटने की कगार पर है बारिश में ये हर समय डराता है। पिछले कई सालों से यहां रह रहे लोगो की ज़िंदगी पर खतरा मंडरा रहा है। 2021 अक्टूबर में जब आपदा आयी थी तब चोपड़ा गांव में बड़े बड़े बोल्डर गिरे बड़ी बड़ी चट्टाने गिरी जिससे गांव के कई लोग तो चले गए जो मजबूरी में वही रह गए उनकी सांस आज भी अटकती है। परन्तु लोगो की इस छटपटाहट को कोई नहीं समझ पा रहा है। क्योंकि अब चुनाव नहीं हैं। जो जनप्रतिनिधियों का चुनाव से पहले, हमारे घर आना जाना हो गया था, उनके साथ काम करने वाले कार्यकर्ता कह रहे थे कि हमारे जनप्रतिनिधियों को अवगत कराइये। हल जरूर निकलेगा और आज अजीब बात है कि चुनाव से पहले जो वादे थे, अब उसके लिए ज्ञापन देना पड़ रहा है। स्वतः संज्ञान लेना तो बहुत दूर की बात, सब जानते है। पहाड़ की तकलीफ को तब तक कोई नही समझ सकता जब तक वो खुद पहाड़ में न जीया हो।

इसके बाद पंकज जीना लगातार चोपड़ा गांव की दर्दभरी कहानी सुनाते आ रहे है लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि हो, जिला प्रशासन हो, कुमाऊं कमिश्नर हो यहाँ नेतागण हो सब इन समस्याओं से मुँह फेर लेते है क्योंकि चोपड़ा गांव शायद उनके किसी काम का नही रहा।

वहीं वहां के स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई बार प्रशासन से यहां की समस्या को लेकर गुहार लगाई गयी है, लेकिन अभी तक उसका कोई भी निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। चट्टान खिसकने के डर से रात में नींद नहीं आ पा रही है। ग्रामीणों के दिन और रात दहशत में गुजर रहे हैं। अगर जल्द ही प्रशासन कुछ नहीं करता है, तो उन्हें मजबूरन धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा।  

इस संबंध में नैनीताल के एसडीएम राहुल साह की तरफ से कहा गया है कि जियोलॉजिस्ट को ले जाकर उस जगह की जांच पड़ताल की जाएगी और फिर आगे कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों को जल्द से जल्द राहत देने का भरोसा दिलाया है। 

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