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दर्द से कहराती गर्भवती को अस्पताल वालों ने निकाला बाहर, गेट पर प्रसव

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड की बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं और स्वास्थ्य प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। ताजा मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह क्षेत्र खटीमा से जुड़ा है। बताया जा है कि खटीमा निवासी गर्भवती महिला को बिना जांच किए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल रेफर किया गया। समय पर उपचार की सुविधा न मिलने पर महिला ने राजकीय महिला अस्पताल हल्द्वानी के गेट पर ही बच्चे को जन्म दिया। मोबाइल की रौशनी में किसी तरह प्रसव कराया गया।  वो तो गनीमत रही कि जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। महिला के परिजनों का आरोप है कि उन्हें अस्पताल से भगा दिया गया। 

जानकारी के अनुसार, 8 जुलाई को खटीमा निवासी 22 वर्षीय प्रीति को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे सरकारी अस्पताल लेकर गए। जहां पर चिकित्सकों ने गर्भवती महिला को चिकित्सालय में भर्ती कराने के स्थान पर उसे बाहर भगा दिया और कहा कि डा. सुशीला तिवारी अस्पताल चले जाओ। उस समय रात के दो बज रहे थे। हर अस्पताल से रेफर होने के बाद महिला अस्पताल पहुंची, गर्भवती को प्रसव पीड़ा इतनी तेज हुई कि उसने गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। 

जांच समिति ने स्पष्ट किया कि रात्रिकालीन ड्यूटी पर महिला अस्पताल में लेबर रूप में तैनात नर्सिंग अधिकारी की ओर से गर्भवती की जांच किए बगैर ही इसकी जानकारी दूरभाष पर महिला चिकित्सक डा. दिशा बिष्ट को दी गई। महिला चिकित्सक ने बिना गर्भवती को देखे उसे सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज रेफर करने के निर्देश दे दिए। स्वजन गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन उन्हें अस्पताल से बाहर कर दिया गया था। वहीं, इस मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए सचिव स्वास्थ्य राधिका झा को तीन दिन में मामले की जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए। जिसके बाद स्वास्थ्य महानिदेशक ने राजकीय महिला अस्पताल हल्द्वानी में नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी को निलंबित किया। इसके अलावा डॉक्टर दिशा बिष्ट को निलंबित करने की बात भी चल रही है। 

बता दें, राजकीय महिला अस्पताल हल्द्वानी के गेट के बाहर बच्चे के जन्म का मामला गरमाता जा रहा है। जिसका स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने संज्ञान लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए धन सिंह रावत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अस्पताल में तैनात एक नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी को निलंबित कर दिया है। जबकि अस्पताल में तैनात महिला डॉक्टर दिशा बिष्ट को निलंबित करने के लिए शासन से सिफारिश की गई। विभागीय जांच समिति की रिपोर्ट में पाया गया कि अस्पताल के लेबर रूम में तैनात नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी ने गर्भवती महिला की जांच किए बिना ही डॉक्टर दिशा बिष्ट को दूरभाष पर महिला की स्थिति के बारे में बताया। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने साफ कहा कि गर्भवती महिला को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न करना अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही कहा कि प्रकरण में जितने भी दोषी पाये जाएंगे, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। 


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