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उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय भर्ती घोटाले मामले में विजिलेंस की खुली जांच शुरू

उत्तर नारी डेस्क

उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून में साल 2015 में हुई अब तक की नियुक्तियों की धांधली व अन्य अनियमिताओं के मामले में विजिलेंस टीम ने जांच शुरू कर दी है। इसी क्रम में बीते शुक्रवार को देर शाम तक विजिलेंस की टीम ने विश्वविद्यालय में कार्रवाई के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। साथ ही इंस्पेक्टर किरण असवाल के नेतृत्व में बनाई गई विजिलेंस की टीम ने विश्वविद्यालय में भर्ती करवाने वाली कमेटी के पदाधिकारियों से पूछताछ कर उनके बयान भी दर्ज किए हैं। बताया जा रहा है कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आज शनिवार को भी विजिलेंस की जांच पड़ताल जारी रहेगी। वहीं विजिलेंस की खुली जांच शुरू होते ही विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया है। 

बता दें आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से सहयोग न करने पर विजिलेंस ने कड़ा रुख अख्तियार कर दिया है। यही कारण है कि अब विजिलेंस की टीम शनिवार के साथ-साथ लगातार संस्थान पहुंचकर जांच की कार्रवाई में तेजी लाने की योजना बना चुकी है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में कई अधिकारियों व कर्मचारियों पर गाज गिरने की संभावना है।

जानकारी के मुताबिक उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में योग अनुदेशकों के पदों पर जारी रोस्टर को बदलने, माइक्रोबायोलाजिस्ट के पदों पर भर्ती में नियमों का अनुपालन न करने, बायोमेडिकल संकाय व संस्कृत में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पंचकर्म सहायक के पदों पर विज्ञप्ति प्रकाशित करने और फिर रद करने का आरोप है। इसके अलावा विवि में पद न होते हुए भी संस्कृत शिक्षकों को प्रमोशन व एसीपी का भुगतान करने, बिना शासन की अनुमति बार-बार विवि की ओर से विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने और रोक लगाने, विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विवि की ओर से गठित समितियों के गठन की विस्तृत सूचना शासन को न देने के साथ ही पीआरडी के माध्यम से 60 से अधिक युवाओं को भर्ती करने का भी आरोप है। इसके अलावा विश्वविद्यालय में अलग-अलग तरह के सामान खरीदने में वित्तीय गड़बड़ी करने के आरोप भी संस्थान की प्रबंधक टीम पर लगे हैं। 

इस मामले में मई 2022 को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस को आयुर्वेद विश्वविद्यालय की खुली जांच करने के आदेश दिए थे। ऐसे में विजिलेंस की ओर से नोटिस देकर विश्वविद्यालय प्रशासन को पूछताछ में सहयोग करने और भर्ती दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। लेकिन बार-बार रिमाइंडर के बावजूद विश्वविद्यालय की तरफ से किसी अधिकारी व कर्मचारी के ना पहुंचने की सूरत में शुक्रवार से विजिलेंस टीम ने विश्वविद्यालय पहुंचकर अपनी कार्रवाई शुरू की है।

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