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उत्तराखण्ड में जापानी इंसेफेलाइटिस की दस्तक, पहली मौत

उत्तर नारी डेस्क 

चिलचिलाती धूप, गर्म हवाएं और उमस के बाद जब बारिश की बूंदें जब जमीन पर गिरती हैं तो हर कोई सुकून का अहसास करता है, लेकिन ये मौसम कई बीमारियों को भी दावत देता है। इन दिनों बारिश ने पूरे प्रदेश में कहर बरपाया हुआ है। वहीं, डेंगू के मरीजों में लगातार वृद्धि हो रही है। तो इसी बीच जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) बीमारी ने दस्तक दे दी है और इसकी चपेट में आकर एक बुजुर्ग मरीज की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वह पिछले कई दिनों से बीमार थे। सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय (एसटीएच) में वेंटीलेटर पर रख कर उनका इलाज किया जा रहा था। इस सीजन में कुमाऊं में जेई से मौत का यह पहला मामला है।

बता दें, 60 वर्षीय काशीपुर निवासी बुजुर्ग को एक सप्ताह पहले एसटीएच में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी गंभीर हालत होने पर उनकी जांच की गई। जांच रिपोर्ट आने पर उनमें जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) की पुष्टि हुई थी। उन्हें यहां वेंटीलेटर पर रखा गया था, लेकिन शनिवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं, मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. परमजीत सिंह ने बताया कि वेंटीलेटर पर उनकी मौत हो गई। इस सीजन में कुमाऊं में जेई से मौत का यह पहला मामला है। उन्होंने बताया कि एक 22 वर्षीय युवती में जेई के लक्षण पाए गए हैं। उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। युवती की भी हालत गंभीर बनी हुई है। 

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