उत्तर नारी डेस्क

मुख्यमंत्री धामी ट्वीट कर यह जानकारी देते हुए कहा कि "आवा! हम सब्बि मिलके इगास मनोला नई पीढ़ी ते अपणी लोक संस्कृति से जुड़ोला। लोकपर्व 'इगास' हमारु लोक संस्कृति कु प्रतीक च। ये पर्व तें और खास बनोण का वास्ता ये दिन हमारा राज्य मा छुट्टी रालि, ताकि हम सब्बि ये त्योहार तै अपणा कुटुंब, गौं मा धूमधाम से मने सको । हमारि नई पीढ़ी भी हमारा पारंपरिक त्योहारों से जुणि रौ, यु हमारु उद्देश्य च।"
बता दे, पहाड़ मे दीपावली को आम भाषा मे बग्वाल कहा जाता है, जबकि बग्वाल के 11 दिन बाद एक और दीपावली मनाई जाती है, जिसे इगास कहते हैं। वहीं, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीराम के वनवास से अयोध्या लौटने पर लोगों ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीये जलाकर उनका स्वागत किया था और इस दिन को दीपावली के त्योहार के रूप में मनाया था। लेकिन, गढ़वाल क्षेत्र में राम के लौटने की सूचना दीपावली के ग्यारह दिन बाद यानी कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली। इसीलिए ग्रामीणों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए ग्यारह दिन बाद दीपावली का त्योहार एकादशी को उत्सव के रूप में मनाया।
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