उत्तर नारी डेस्क
आज इस महंगाई के दौर में किसान की आय आधी से कम हो चुकी है। आज उत्तराखण्ड सरकार गन्ने का मूल्य निर्धारण करने के लिए उत्तर प्रदेश पर निर्भर है। पूर्व में जब नवनिर्वाचित उत्तराखण्ड की सरकार बनी थी, स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी सरकार के मुख्यमंत्री बने थे। जब गन्ने का मूल्य निर्धारण होने में देरी हो रही थी स्वर्गीय तिवारी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में गन्ने का मूल्य निर्धारण हो जाएगा। उत्तर प्रदेश से अधिक गन्ने का मूल्य देंगे। बड़ा दुर्भाग्य है विगत 14 साल से यह सिलसिला चलता आ रहा है आज किसानों को गेहूं बुवाई व बच्चों की फीस तथा कर्जदारो का कर्ज चुकाना है। किच्छा शुगर फैक्ट्री में आज की तारीख तक 12 लाख50 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई हो चुकी है जिसका भुगतान किसानों का लगभग 44 करोड लगभग होना है। इसमें साफ जाहिर हो रहा है, किसान के प्रति उत्तराखण्ड सरकार कितनी संवेदनहीन बन चुकी है। आज परिपेक्ष में ग्राम सभा आनंदपुर में किसानों ने सर्वसम्मति से यह कहा अगर यथाशीघ्र किसानों का गन्ने का भुगतान नहीं किया गया। हम उत्तराखण्ड की शुगर फैक्ट्री में गन्ने की सप्लाई बंद कर देंगे। आज गन्ने का मूल्य धारण ₹400 कुंतल सरकार को करना चाहिए आज इस सभा में डॉक्टर गणेश उपाध्याय प्रवक्ता उत्तराखण्ड कांग्रेस, पूर्व प्रधान नरेंद्र सिंह, राम प्रवेश राय अध्यक्ष नारायणपुर सोसायटी, महिपाल सिंह बोरा, मुन्ना लाल गुप्ता, सरदार बहादुर सिंह, शिव गुप्ता, उमेंद्र नाथ तिवारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संगठन के जिला उपाध्यक्ष, संतोष सिंह नारायण कुमार आदि अनेक किसान उपस्थित थे।
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