उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड राज्य की रक्षा कर रही मां धारी देवी पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। मान्यता है कि यहां मौजूद मां धारी उत्तराखण्ड के चारधाम की रक्षा करती हैं। जहां मंदिर में मां धारी देवी की पूजा-अर्चना सिर्फ धारी गांव के पंडितों द्वारा किया जाता है।
आपको बता दें लंबे समय से धारी देवी की प्रतिमा को नए मंदिर में स्थापित करने का इंतजार किया जा रहा था इसी क्रम में अब आखिरकार माँ धारी देवी को स्थानांतरित करने की तिथि घोषित कर दी गयी है। मंदिर के पुजारी न्यास की ओर से 28 जनवरी को सुबह शुभ मुहूर्त में स्थानांतरण तिथि निर्धारित की गई है। उनका कहना है कि धारी देवी, भैरवनाथ और नंदी की मूर्तियों को अस्थायी स्थान से स्थानांतरित किया जायेगा और सुबह 9.30 बजे के बाद मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा।
बताते चलें श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के निर्माण के बाद यह डूब क्षेत्र में आ रहा था। इसके लिए इसी स्थान पर परियोजना संचालन कर रही कंपनी की ओर से पिलर खड़े कर मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था, लेकिन जून 2013 में, केदारनाथ में बाढ़ के कारण अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने की वजह से मूर्तियों को उठाना पड़ा। पिछले नौ सालों से इस अस्थायी स्थान पर मूर्तियां विराजमान हैं।
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