Uttarnari header

uttarnari

क्या होता है साइक्लोनिक सर्कुलेशन

उत्तर नारी डेस्क

जब भी पश्चिमी विक्षोभ गुजरता है तब हवाओं के एक चक्रवात बन जाता है जिसे साइक्लोनिक सर्कुलेशन कहते हैं। यह सर्कुलेशन हवा व नमी का मिश्रण होता है जो आगे जाकर बारिश करने का काम करता है।

♦️एंटी साइक्‍लोनिक सर्कुलेशन क्या है जानें

एंटी साइक्‍लोनिक सर्कुलेशन का मतलब हैं कि, हवा का बिखरना। साइक्‍लोनिक सर्कुलेशन में लो-प्रेशर एरिया बनता है और हवाएं आपस में मिलकर उठती हैं। एंटी-साइक्‍लोनिक सर्कुलेशन में हाई-प्रेशर एरिया बनता है जिसमें हवाएं बिरखती हैं और नीचे गिरती हैं। एंटी साइक्‍लोन के बीच के हिस्‍से में हाई-प्रेशर के चलते एक तेज हवा का ब्‍लास्‍ट ऊपर से नीचे की तरफ होता है और गर्म हवाएं नीचे आती हैं। हवा कंप्रेस होने की वजह से और गर्म होती है और उसकी नमी भी कम होती है। गर्म हवाएं हाई-प्रेशर एरिया से लो-प्रेशर एरिया की तरफ बढ़ती हैं। नॉर्दन हेमिस्‍फियर में एंटी साइक्‍लोनिक हवा क्‍लॉकवाइस चलती हैं, वहीं साउदर्न हेमिस्फियर में एंटी क्‍लॉकवाइस चलती हैं।

यह भी पढ़ें - उत्तराखण्ड की बेटी एकता बिष्ट ने रचा इतिहास, एक ही मैच में झटके 8 विकेट


Comments