उत्तर नारी डेस्क
कहते हैं पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। इंसान किसी भी उम्र में अपनी पढ़ाई शुरू कर सकता है। ऐसी ही एक प्रेरक तस्वीर और कहानी चमोली जिले से सामने आई हैं। जहां, 40 साल की गुड्डी देवी भी अपने पढ़ने के सपने को पूरा कर रही हैं। इस सपने को पूरा करने में गुड्डी देवी के दोनों बेटे उनका साथ दे रहे हैं। गुड्डी देवी अपने दो बेटों के साथ बैठकर इन दिनों दसवीं बोर्ड की परीक्षा दे रही है।
चमोली की गुड्डी देवी उन सभी महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं जो शादी और फिर बच्चे होने के बाद अपने सपनों से मुंह मोड़ लेती हैं। गुड्डी देवी ने आठवीं की परीक्षा साल 1996 में पास की थी। उसके बाद शादी हो गई और पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते वह अपनी पढ़ाई को जारी नहीं रख पाईं थी। लेकिन इसके बावजूद भी गुड्डी देवी की पढ़ने की ललक खत्म नहीं हुई और इस बार की उत्तराखण्ड बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा में गुड्डी देवी अपने सपने को पूरा कर रही हैं।
बता दें, शुक्रवार को हिंदी का पहला पेपर अच्छा गया है और अब 21 मार्च को होने वाले विज्ञान की परीक्षा की वो जमकर तैयारी कर रही है। गुड्डी देवी के दोनों बेटे भी साथ में ही परीक्षा दे रहे हैं। गौरतलब है कि भेटी गांव निवासी गुड्डी देवी पत्नी शिवलाल ने अपने मायके थराली ब्लॉक के रतगांव से आठवीं की परीक्षा वर्ष 1996 में पास की थी। इसके बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते वो पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई और उसके बाद उनकी शादी हो गई। गुड्डी देवी के दो बेटे हैं अंशुल और अंकुश। यह दोनों अपनी मां को फिर से पढ़ाई शुरू करने के लिए प्रेरित करते रहे और फिर बाद में इन्होंने इस साल दसवीं की परीक्षा के लिए आवेदन कर दिया। दोनों बेटे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ मां के पेपर की भी तैयारी करवाते हैं। वहीं, पति की तरफ से भी उन्हें पूरा सहयोग मिला है जिसके चलते गुड्डी देवी परीक्षा दे रही हैं। बड़ा बेटा अंशुल भेटवाल (18 साल) इंटरमीडिएट की परीक्षा दे रहा है तो अंकुश भेटवाल (17 साल) दसवीं की परीक्षा दे रहा है। चमोली नंदा नगर के राजकीय आदर्श इंटर कॉलेज बांजबगड़ में उनका परीक्षा केंद्र है।
गुड्डी देवी के भेंटी गांव से जीआईसी बांजबगड़ करीब 5 किलोमीटर दूर है। गुड्डी देवी के दोनों बेटे इसी विद्यालय में पढ़ने आते हैं। अब परीक्षा केंद्र भी इसी विद्यालय में बनाया गया है तो परीक्षा देने के लिए मां अपने बेटे के साथ आ रही है। गुड्डी ने का कहना है कि हिंदी का पेपर अच्छा गया है यदि आगे भी ऐसे ही पेपर आए तो परीक्षा उत्तीर्ण कर लूंगी।
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