उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में सीजनल इंफ्लूएंजा के मामले लगातार सामने आ रहे है। जिसे लेकर सरकार सतर्क हो गई है। इसी क्रम में अब सोमवार को शासन ने भी सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया है। इसमें इस बीमारी के बचाव और प्रभावी रोकथाम संबंधी निर्देश दिए गए हैं। अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर की ओर से जारी पत्र के मुताबिक सीजनल इंफ्लूएंजा (एच1एन1, एच3एन2 आदि) से बचाव के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों के स्तर पर इंफ्लूएंजा से संबंधित मामलों की सघन निगरानी, प्रभावी रोकथाम के लिए रोगियों का वर्गीकरण करने, क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल, होम केयर, सैंपल एकत्र करने की प्रक्रिया अलग की जाएगी।
सभी जिला, बेस, संयुक्त चिकित्सालयों में इलाज के लिए आइसोलेशन बेड, वार्ड, आईसीयू, वेंटिलेटर आदि की व्यवस्था करने को कहा गया है। इंफ्लूएंजा के मामले में रोगी की पहचान, त्वरित उपचार व मरीज की गंभीर हालत में रेफर करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि उपचार के साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जाए। इसके साथ ही पर्यटन, संस्कृति, धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने भी उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटकों एवं प्रदेशवासियों से अनुरोध किया है कि उत्तराखण्ड में इन्फ्लूएंजा ए के सब वेरिएंट एच3 एन2 का खतरा निरंतर बढ़ रहा है। इसकी रोकथाम हेतु सभी लोग मास्क ज़रूर पहनें और साथ ही सैनिटाइजर का समय समय पर प्रयोग करते रहें। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना ही इस इन्फ्लूएंजा से बचे रहना का उपाय है।
वायरस के ग्रसित होने के लक्षण
1- एक सप्ताह या इससे अधिक दिन तक बुखार।
2- नाक से पानी आना।
3- सिर में दर्द रहना।
4- उल्टी महसूस होना।
5- भूख का कम होना।
6- शरीर में दर्द रहना।
7- बुखार भी तेज होना।
8- खांसी काफी समय तक रहना।
9- बलगम की परेशानी बढ़ना।
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