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क्या आप जानते हैं कैसे नापी जाती है हवा की गति? जानिए मौसम केंद्र के साइंटिस्ट से

उत्तर नारी डेस्क 

जब मौसम खराब हो तो मौसम केंद्र की तरफ से पूर्वानुमान लगाया जाता है। इस अनुमान के तहत तेज हवा कितने किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से चलेगी इसका अनुमान लगाया जाता है। ताकि लोग पहले से सतर्कता बनाए रखें जिससे जानमाल का नुकसान कम हो। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि तेज हवा की गति को मौसम साइंटिस्ट नापते कैसे हैं और कैसे बिल्कुल सटीक अनुमान लगा पाते हैं। मौसम केंद्र के मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि मौसम पूर्वानुमान के तहत हवा की गति को नापना बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि तेज हवा से जान माल का काफी खतरा तो होता है। इसे नापने के लिए हम अल्ट्रासोनिक सेंसर का इस्तेमाल करते हैं जो हर एंगल से हवा की गति नापता है।

कैसे काम करता है अल्ट्रासोनिक सेंसर

एक मशीन में चार अल्ट्रासोनिक सेंसर होते हैं ताकि हर एंगल से हवा नापी जाए। इस अल्ट्रासोनिक सेंसर से अल्ट्रासोनिक किरणें निकलती हैं। ये किरणें अपनी सीधे दिशा में अल्ट्रासोनिक सेंसर पास पहुंचती हैं। जब ये किरणें पहुंचती हैं तो सेंसर को रिसिवर कहते हैं। जब भी हवा की गति में बदलाव होती है तो उसके कारण ट्रांसमीटर की किरणें रिसीवर तक पहुंचने में थोड़ा सी देर हो जाती है। इस देरी के आकलन पर जो वैल्यू होती है उसी के आधार पर हवा की गति मापी जाती है। 

33 फीट की ऊंचाई पर सेंसर

अभिषेक बताते हैं, इलेक्ट्रॉनिक सेंसर अधिकतर एयरपोर्ट पर लगाई जाती है। क्योंकि इसे खाली मैदान व अच्छी खासी खुली हवा की जरूरत पड़ती है। हवा तेज बहती हुई होनी चाहिए न कि किसी भी बिल्डिंग या कहीं और चीज से टकराकर आनेवाली। यह जमीन से 33 फीट ऊपर लगाई जाती है। 

हवा की गति से डैमेज का अनुमान

अभिषेक आनंद बताते हैं, तेज हवा की गति पता करना बेहद जरूरी इसलिए होता है क्योंकि इससे पता चलता है कि इतनी तेज हवा से क्या कुछ नुकसान होने के खतरे हैं। जैसे 80 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से हवा चल रही है तो शीशा टूट सकता है या फिर पेड़ गिर सकता है या काफी जानमाल का नुकसान हो सकता है। इसलिए लोगों के बीच सतर्कता बनाए रखने के लिए यह अनुमान बेहद जरूरी होती है। 

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