उत्तर नारी डेस्क
दिनाँक 30.04.2023 को पुलिस उपाधीक्षक कोटद्वार गणेश लाल कोहली एवं अपर उपनिरीक्षक राय सिंह के पुलिस विभाग में अधिवर्षता आयु पूर्ण करने के अवसर पर दिनांक 29.04.2023 को पुलिस लाईन पौड़ी में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। विदाई समारोह के अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे द्वारा पुलिस उपाधीक्षक कोटद्वार गणेश लाल कोहली एवं अपर उपनिरीक्षक राय सिंह को स्मृति चिन्ह, शॉल व उपहार भेंट करते हुये पुलिस परिवार की ओर से उनके सेवानिवृत जीवन के सुखद शान्तिमय एवं भविष्य में स्वस्थ जीवन एवं सुखद पारिवारिक जीवन की कामना के साथ भावभीनी विदाई दी गई तथा उनके द्वारा पुलिस विभाग को दी गई सेवाओं एवं उनके कर्तव्य परायणता व ईमानदारी की सराहना की गई।
गणेश लाल कोहली दिनाँक 31.12.1981 को आरक्षी पद पर भर्ती हुए, दिनाँक 20.07.1988 में मुख्य आरक्षी स0पु0 के पद पर, दिनाँक 25.10.1993 को पीसी के पद पर, दिनाँक 24.09.2002 को दलनायक के पद पर तथा दिनाँक 06.12.2014 को पुलिस उपाधीक्षक के पद पर पदोन्नत हुये। गणेश लाल कोहली द्वारा 41 वर्ष 04 माह अपनी सेवाएं पुलिस विभाग को प्रदान की गयी। अपने सम्पूर्ण सेवाकाल में इनके द्वारा चमोली, 40 वीं वाहिनी पीएसी हरिद्वार, 41 वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद, 47 वीं वाहिनी पीएसी टास्क फोर्स बरेली, लखनऊ, देहरादून, उत्तरकाशी, पिथोरागढ़, रूद्रप्रयाग तथा पौड़ी गढ़वाल में नियुक्त रहकर पुलिस विभाग को अपनी सेवाए प्रदान की। अपने सेवाकाल में ड़यूटी के प्रति लगनशील, मेहनती, मृदुभाषी एवं व्यवहार कुशल रहे हैं।
राय सिंह दिनाँक 01.02.1982 को आरक्षी पद पर भर्ती हुए, दिनाँक 22.04.2009 में मुख्य आरक्षी के पद पर तथा दिनांक 17.11.2022 को अपर उपनिरीक्षक के पद पर पदोन्नत हुये। श्री राय सिंह द्वारा 41 वर्ष 02 माह अपनी सेवाएं देकर अपने सम्पूर्ण सेवाकाल में इनके द्वारा जनपद चमोली, रूद्रप्रयाग तथा पौड़ी गढ़वाल में नियुक्त रहकर पुलिस विभाग को अपनी सेवाएं प्रदान की। अपने सेवाकाल में ड़यूटी के प्रति लगनशील, मेहनती, मृदुभाषी एवं व्यवहार कुशल रहे है। अपने वक्तव्य में गणेश लाल कोहली ने कहा कि पुलिस बल को प्रतिदिन विभिन्न चुनौतियों का सामना तो करना ही पडता है, परन्तु यदि हम दिये गये कार्यों व अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी व निष्ठापूर्वक करें तो काफी हद तक कार्य आसान हो जाता है। उनके द्वारा पुलिस परिवार को अनुशासन में रहते हुये ईमानदारी से अपने कार्यों को सम्पादित करने हेतु प्रेरित किया गया।

