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हरिद्वार : घिया माई संक्राति पर भद्रराज देवता की पुरानी एवं नई पालकी का हुआ गंगा स्नान

उत्तर नारी डेस्क 


प्रसिद्ध ईष्ट देव भद्रराज देवता की घिया माई संक्राति के अवसर पर देवता की पुरानी एवं नई पालकी को मंदिर समिति के साथ साथ अनेक श्रद्धालुओं द्वारा पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल,दमाऊ के साथ गंगा स्नान हेतु हरिद्वार ले जाया गया। जहां पर देवता के जय जयकारों के विधिवत पूजा अर्चना की गई। सर्वप्रथम देवता की पालकी को मटोगी के बावड़ी में स्नान करने के बाद भद्रराज मंदिर ले जाया गया तत्पश्चात मटोगी तथा देवीथला के रास्ते गंगा स्नान हेतु हरिद्वार ले जाया गया, रात्रि में देवता की पालकी हरिद्वार में ही रही जहां पर भक्तों द्वारा अनेक भजन भी प्रस्तुत किए गए वहीं आज  सुबह ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजे से 5 बजे के बीच पुरानी एवं  नई पालकी दूध एवं गंगाजल से पुजारी ,वजीर एवं देव पासवा की उपस्थिति में मंत्रोच्चारण के साथ स्थान कराया गया। 

साथ ही स्नान के बाद पुरानी पालकी का गंगा में विसर्जन किया गया। उसके बाद उसी क्रम में नई पालकी का स्थान करवाकर पुरानी पालकी के चिन्ह नई पालकी में ब्राह्मण वजीर एवं देव डोलियों के वचनों के अनुसार नई पालकी में रखे गये। पुरानी पालकी विसर्जन तथा नई पालकी का स्नान कराने के बाद पालकी हरिद्वार से वाया देवथला होते हुए मटोगी /भद्रराज मंदिर को प्रस्थान हो गयी है।जहां पर घिया माई संक्रांति के अवसर पर मंदिर में भव्य पूजा अर्चना का आयोजन किया जा रहा है जिसमें अनेक जगहों से हजारों श्रद्धालु पहुंचकर भद्रराज देवता का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। 

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