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हरिद्वार : श्री भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय को मिली योग में नवीन प्रवेशों की अनुमति

उत्तर नारी डेस्क


श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, हरिद्वार में योग पाठ्यक्रम का संचालन सन् 2016 से उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय से मान्यता लेकर संचालित हो रहा था। विश्वविद्यालय को मिली एक शिकायत के आधार पर विश्वविद्यालय ने सन् 2021 से योग पाठ्यक्रम में नवीन प्रवेशों पर रोक लगाकर प्रकरण की जांच हेतु समिति गठित कर दी थी। समिति ने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों का गहनता से निरीक्षण करते हुए अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को सौंपी थी। 16 जून 2023 को सम्पन्न विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद् में समिति की रिपोर्ट को प्रस्तुत किया गया। कार्यपरिषद् ने सर्वसम्मति से समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए योग में छात्रों के नवीन प्रवेशों पर लगे स्थगन को समाप्त करते हुए सत्र 2023-24 के लिए योग पाठ्यक्रम में योगाचार्य एवं पी.जी.डी.योग की उपाधि हेतु नवीन प्रवेशों की अनुमति प्रदान कर दी है।

महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. बी.के.सिंहदेव ने बताया कि महाविद्यालय में संचालित योगाचार्य एवं पी.जी.डी. योग हेतु विगत दो सत्रों से नवीन प्रवेशों पर स्थगन लगा हुआ था। जिसके कारण महाविद्यालय में योग में नवीन प्रवेश नहीं हो पा रहे थे।  विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2023-24 हेतु नवीन प्रवेशों हेतु अनुमति प्राप्त हो गई है। हमारा प्रयास होगा कि हम योग्य योग प्रशिक्षक तैयार कर योग की प्राचीन धरोहर को सुरक्षित रख सकें। वर्तमान में योग स्वास्थ्य एवं आजीविका से जुड़ा हुआ विषय है। योग प्रशिक्षण प्राप्त कर छात्र देश-विदेश में अपने कैरियर को उत्तम बना सकते हैं। योग में मिली पुनः नवीन-प्रवेशों की अनुमति से महाविद्यालय परिवार एवं संस्कृत प्रेमियों ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है।  मैं योग में नवीन प्रवेशों की अनुमति प्राप्त होने पर केन्द्रीय व  उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारियों व अन्य संस्था सहयोगियों का आभार प्रकट करता हूॅ। आप सबके सहयोग से संस्था उत्तरोत्तर उन्नति करेगी।

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