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नाबालिग लड़की की हो रही थी शादी, AHTU ने मौके पर पहुंचकर रुकवाई

उत्तर नारी डेस्क

बाल विवाह समाज के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। उत्तराखण्ड में नेता और अधिकारी भले ही बाल विवाह न के बराबर होने के दावे करते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही हाल बयां करती है। ताज़ा मामला पिथौरागढ़ जिले से सामने आया है। जहां बीते दिन 27 जून को ऐंचोली गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी हो रही थी। जिसकी सूचना एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पिथौरागढ़ को चौकी ऐंचोली के माध्यम से मिली कि एक नेपाली मूल की लड़की जिसकी उम्र- 18 वर्ष से कम है, वर्तमान में ऐंचोली पिथौरागढ़ में अपनी दीदी के घर पर रह रही है। जिसकी शादी ऐंचोली निवासी एक युवक से मोस्टमानू मंदिर में होने जा रही है। उक्त मामले को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़, लोकेश्वर सिंह के आदेशानुसार, प्रभारी निरीक्षक ए0एच0टी0यू0, श्री चंचल शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम, चाइल्ड हेल्प लाइन कर्मियों के साथ मोस्टमानू मंदिर पहुँची, जहाँ शादी की तैयारियाँ चल रहीं थी तथा नाबालिग लड़की व उसके परिजन मौजूद थे। पुलिस टीम द्वारा लड़की का जन्म प्रमाण पत्र चैक किया गया तो उसकी उम्र 17 वर्ष 08 महीने 21 दिन होना पाया गया। 

उक्त लड़की मूल रुप से नेपाल की रहने वाली है तथा वर्तमान में अपनी दीदी के घर ऐंचोली में रह रही है। लड़की द्वारा बताया गया कि वह उक्त युवक को फेसबुक के माध्यम से विगत 02 वर्षों से जानती है, जिस कारण दोनों आपसी सहमति से शादी करने जा रहे थे। पुलिस टीम द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन के समक्ष लड़की व उसके परिजनों की काउन्सलिंग की गयी तथा बाल विवाह से सम्बन्धित कानून की जानकारी देते हुए बताया कि नाबालिग की शादी कराना कानूनन अपराध है। दोनों परिवारों द्वारा अपनी गलती स्वीकार करते हुए बताया कि उन्हें कानून की जानकारी नहीं थी, अब वह दोनों के बालिग होने पर ही उनकी शादी करेंगे, जिस सम्बन्ध में उनके द्वारा लिखित प्रार्थना पत्र दिया गया। काउन्सलिंग के पश्चात लड़की को सकुशल उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया। 

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