उत्तर नारी डेस्क
बाल विवाह समाज के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। उत्तराखण्ड में नेता और अधिकारी भले ही बाल विवाह न के बराबर होने के दावे करते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही हाल बयां करती है। ताज़ा मामला पिथौरागढ़ जिले से सामने आया है। जहां बीते दिन थाना बेरीनाग क्षेत्रांतर्गत एक गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी हो रही थी। जिसकी सूचना पुलिस को 112 नंबर पर मिली। जिस पर प्रशासन की टीम गांव पहुंची और गांव पहुंचकर जांच शुरू की। जांच में लड़की की उम्र 18 साल से कम पाई गई है। सूचना पर जब गांव पहुंची पुलिस तो उस दौरान महिला संगीत और बारातियों के स्वागत की तैयारी चल रही है। ऐसे में पुलिस ने दोनों परिवार को जमकर फटकार लगाते हुए नाबालिग की शादी को रुकवाया।
बता दें, 4 जून को (डायल 112) पुलिस टीम बेरीनाग को सूचना मिली कि थाना बेरीनाग क्षेत्रांतर्गत एक गांव में नाबालिक लड़की की शादी हो रही है। सूचना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए प्रभारी निरीक्षक थाना बेरीनाग प्रभात कुमार के नेतृत्व में डायल 112 पुलिस टीम मौके पर पहुँचे जहाँ महिला संगीत चल रहा था तथा बारात के स्वागत की तैयारियां चल रही थी। पुलिस टीम द्वारा उक्त लड़की के जन्म प्रमाण पत्रों की जाँच की गयी तो उसकी उम्र 18 वर्ष से कम होना पाया गया। पुलिस टीम द्वारा दोनों परिवारों की काउन्सलिंग की गयी तथा उनको बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के सम्बन्ध में कानूनी जानकारी देते हुए बताया कि नाबालिग की शादी कराना अपराध है। दोनों परिवारों द्वारा अपनी गलती स्वीकार करते हुए बताया कि उन्हें कानून की जानकारी नही थी। अब वह लड़की के बालिग होने पर ही उसकी शादी करेंगे जिस सम्बन्ध में दोनों परिवारों द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया। पुलिस टीम द्वारा दोनों परिवारों को भविष्य में इस प्रकार का कृत्य करने पर शख्त वैधानिक कार्यवाही करने के सम्बन्ध में हिदायत दी गयी।
यह भी पढ़ें - उत्तराखण्ड : पर्वतीय इलाकों में बारिश की संभावना, मैदान में मौसम रहेगा शुष्क